New Delhi: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अगस्त की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के फैसले की जानकारी दी। इस बैठक में रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखने और मौद्रिक नीति के रुख को “न्यूट्रल” बनाए रखने का फैसला लिया गया। गवर्नर ने कहा कि आरबीआई ने देश की आर्थिक विकास गति को बनाए रखने के लिए दूरदर्शी और संतुलित कदम उठाए हैं। इससे पहले जून में रेपो रेट को 0.50% घटाया गया था।

कुल मिलाकर फरवरी से अब तक रेपो दर में 1% की कटौती हो चुकी है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए GDP वृद्धि दर 6.5% रहने का अनुमान जताया है, वहीं अगले साल की पहली तिमाही में यह दर 6.6% तक रह सकती है। महंगाई दर को लेकर अनुमान है कि यह साल भर में औसतन 3.1% रह सकती है और 2026-27 की पहली तिमाही में 4.9% तक जा सकती है।

इसके अलावा, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1 अगस्त तक 688.19 अरब डॉलर तक पहुँच गया है, जो 11 महीने के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त है। इन फैसलों से अर्थव्यवस्था में स्थिरता और भरोसे का माहौल बनने की उम्मीद है।

रेपो रेट के स्थिरता के आरबीआई के फैसले पर इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े लोगों के विचार-

कॉन्शिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के बिजनेस हेड मोहित अग्रवाल ने कहा, “रेपो दर को 5.5% पर स्थिर बनाए रखने का आरबीआई का निर्णय आर्थिक स्थिरता के प्रति एक संतुलित और विवेकपूर्ण रुख को दर्शाता है। लगातार कम उधारी लागत से लग्जरी घर खरीदारों और निवेशकों की सामर्थ्य बनी रहेगी, जिससे प्रीमियम आवासीय बाजारों में मांग को बल मिलेगा। यह स्थिर नीति और एमपीसी का तटस्थ दृष्टिकोण, एचएनआई और एनआरआई निवेशकों के बीच रियल एस्टेट में रणनीतिक निवेश के प्रति विश्वास को और मजबूत करता है। एक डेवलपर के रूप में, हम पूर्वानुमानित वित्तपोषण लागतों से लाभान्वित होते रहते हैं, जिससे परियोजनाओं का स्थिर निष्पादन संभव होता है। हमें विश्वास है कि महानगरों में लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट की गति बनी रहेगी, क्योंकि स्थिर ईएमआई और आकर्षक फाइनेंसिंग विकल्प खरीदारों के विश्वास को लगातार प्रोत्साहित करते हैं।”

हीरो रियल्टी के सीईओ रोहित किशोर ने कहा, “रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर बनाए रखने का आरबीआई का फैसला रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक स्थिर और भरोसेमंद कदम है। स्थिर ब्याज दरों का लाभ न केवल घर खरीदारों को मिलेगा, बल्कि डेवलपर्स के लिए भी यह मददगार रहेगा। खरीदारों के लिए इसका मतलब है कि ईएमआई कम रहेगी और होम लोन लेना आसान होगा, जिससे अधिक लोग घर खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे। डेवलपर्स के लिए यह ब्याज दर लागत को संभालने और प्रोजेक्ट समय पर पूरा करने में सहायक होगी।

इस नीति में स्थिरता से बाजार में विश्वास बढ़ेगा और घरों व ऑफिस स्पेस की मांग बनी रहेगी। हमें उम्मीद है कि खासतौर पर मेट्रो शहरों में लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट मजबूत बना रहेगा। कम ईएमआई और बेहतर लोन विकल्पों से लोग घर खरीदने को लेकर और भी आत्मविश्वास महसूस करेंगे।”

रॉयल ग्रीन रियल्टी के मैनेजिंग डायरेक्टर यशांक वासन ने कहा, ” इस साल की शुरुआत में 100 आधार अंकों की कटौती के बाद, अब भारतीय रिज़र्व बैंक का रेपो रेट को 5.5% पर बनाए रखना रियल एस्टेट सेक्टर के लिए स्थिरता का मजबूत संकेत है। इससे यह साफ होता है कि लोन की ब्याज दरें अनुमान के मुताबिक बनी रहेंगी, जिससे घर खरीदने वालों का भरोसा और बढ़ेगा। पहले की दरों में कटौती का फायदा पहले ही मिल चुका है, और अब स्थिर रेट से ईएमआई में राहत बनी रहेगी।

महंगाई घटकर 2.1% के छह साल के न्यूनतम स्तर पर आ गई है और जीडीपी की ग्रोथ 7.4% पर बनी हुई है। ऐसे में आरबीआई का यह ठहराव भारत की आर्थिक स्थिति को लेकर उसके भरोसे को दिखाता है। स्थिर ब्याज दरों का यह माहौल घर खरीदारों और बिल्डरों दोनों के लिए फायदेमंद है, और इससे प्रॉपर्टी की मांग आगे भी बनी रहने की उम्मीद है।

सुदीप भट्ट, डायरेक्टर स्ट्रेटेजी, व्हाइटलैंड कॉर्पोरेशन के अनुसार: आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 5.50% पर बनाए रखना दिल्ली-एनसीआर के हाउसिंग मार्केट के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इस साल की पिछली कटौतियों के बाद से बाजार में स्थिर वृद्धि देखने को मिली है। खरीदारों के लिए यह स्थिर ब्याज दर का माहौल भरोसा बढ़ाता है, वहीं डेवेलपर्स को भी बिना कर्ज़ की लागत बढ़ने की चिंता के अपने प्रोजेक्ट्स की बेहतर योजना और क्रियान्वयन करने का मौका मिलता है। इससे नए प्रोजेक्ट्स की लॉन्चिंग तेज़ी से हो सकेगी और मांग का सिलसिला भी बना रहेगा। यह फैसला साफ तौर पर बताता है कि हाउसिंग सेक्टर की ग्रोथ आगे भी जारी रहेगी और पूरे क्षेत्र में माहौल सकारात्मक बना रहेगा।

त्रेहान आइरिस के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर अमन त्रेहान ने कहा, “एक रियल एस्टेट डेवलपर के रूप में हम भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा रेपो दर को 5.5% पर स्थिर बनाए रखने के निर्णय का स्वागत करते हैं। यह निर्णय बाजार में आवश्यक स्थिरता प्रदान करता है, उच्च मूल्य वाले निवेशों को प्रोत्साहित करता है और लोगों के विश्वास को मजबूती देता है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 6.5% की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान बरकरार रहना रियल एस्टेट सेक्टर में तेज गति और मजबूती से विकास की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।”

ब्रह्मा ग्रुप के एवीपी ऑपरेशंस आशीष शर्मा ने कहा, “हम आरबीआई द्वारा रेपो दर को 5.5% पर तटस्थ रुख के साथ बनाए रखने के फैसले का स्वागत करते हैं, क्योंकि यह रियल एस्टेट सेक्टर को समय पर भरोसा और स्थिरता का संकेत देता है। स्थिर ब्याज दरों से ईएमआई नियंत्रण में रहेगी, जिससे घर खरीदना लोगों के लिए आसान बना रहेगा। साथ ही, डेवलपर्स अपनी पूंजी का बेहतर इस्तेमाल चल रहे परियोजनाओं और बड़े प्रोजेक्ट में कर सकेंगे। यह मौद्रिक स्थिरता न सिर्फ खरीदारों का भरोसा बढ़ाएगी, बल्कि कीमतों को लेकर संवेदनशील बाजारों में गतिविधियों को तेज करेगी और बाजार में लिक्विडिटी को भी मजबूती देगी। हमें उम्मीद है कि रेजिडेंशियल और कमर्शियल दोनों क्षेत्रों में मांग लगातार बनी रहेगी, जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र को दीर्घकालिक विकास मिलेगा और इसका समग्र इको-सिस्टम और भी मजबूत होगा।”

अल्फा कॉर्प डेवलपमेंट लिमिटेड के सीएफओ और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर संतोष अग्रवाल ने कहा, “हम आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर बनाए रखने के फैसले का स्वागत करते हैं। यह रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक सकारात्मक कदम है। स्थिर ब्याज दरों से ईएमआई नियंत्रण में रहेगी, जिससे घर खरीदना ज्यादा लोगों के लिए संभव होगा। साथ ही, डेवलपर्स अपने चल रहे परियोजनाओं और बड़े प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग को बेहतर तरीके से प्लान कर सकेंगे। इस मौद्रिक स्थिरता से कीमत के प्रति संवेदनशील खरीदार तेजी से निर्णय लेंगे, लिक्विडिटी बढ़ेगी और बाजार में भरोसा और मजबूत होगा। हमें भरोसा है कि यह कदम रेजिडेंशियल और कमर्शियल दोनों सेगमेंट में स्थायी मांग को मजबूती देगा, दीर्घकालिक विकास को गति देगा और इस क्षेत्र की समग्र स्थिरता को मजबूत करेगा।”

परविंदर सिंह, सीईओ, ट्राइडेंट रियल्टी: ट्राइडेंट रियल्टी, रेपो दर को स्थिर बनाए रखने के आरबीआई के निरंतर निर्णय का स्वागत करता है। वर्तमान आर्थिक माहौल, जो लगातार महंगाई और वैश्विक अनिश्चितताओं से घिरा हुआ है, उसमें यह स्थिरता रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए न सिर्फ आश्वस्त करने वाली है बल्कि प्रोत्साहन देने वाली भी है। स्थिर ब्याज दरों का वातावरण एक ओर जहां घर खरीदारों को भविष्य की योजना बनाने में आत्मविश्वास देता है, वहीं दूसरी ओर डेवलपर्स को दीर्घकालिक और मूल्य-आधारित परियोजनाओं पर केंद्रित रहने का अवसर प्रदान करता है। यह निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती पर भरोसे को दर्शाता है और एक स्वस्थ निवेश माहौल को समर्थन देता है। यह न केवल आवासीय मार्केट में धारणा को सशक्त करता है, बल्कि आज के घर खरीदारों और समुदायों की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, टिकाऊ और भविष्य-तैयार परियोजनाओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी और अधिक सुदृढ़ करता है।

रेपो दर में निरंतर स्थिरता से बाजार, विशेष रूप से लग्ज़री प्रॉपर्टी जैसे उच्च-मूल्य वाले दीर्घकालिक निवेश क्षेत्रों में, भरोसा और पारदर्शिता कायम होती है। स्थिर ब्याज दरें न केवल घर की सामर्थ्य को बढ़ाती हैं, बल्कि होम लोन को भी अधिक सुलभ बनाती हैं। जैसे-जैसे फाइनेंसिंग आसान होती जाएगी, हम लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट में मांग में तेजी की उम्मीद करते हैं, खासकर उन ग्राहकों से, जो अपने जीवनशैली की आकांक्षाओं को पूरा करने वाले बेहतरीन और अनुकूलित घरों की तलाश में हैं। यह स्थिर आर्थिक माहौल न केवल खरीदारों के आत्मविश्वास को बढ़ाता है, बल्कि हमें भी उच्च गुणवत्ता वाले, विशिष्ट और टिकाऊ लग्ज़री प्रोजेक्ट्स के निर्माण के लिए प्रोत्साहित करता है।