BRICS: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो पहुंचे, जहां उन्होंने मेज़बान देश के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा से मुलाकात की। इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच भारत-ब्राज़ील के द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने, डिजिटल सहयोग, जलवायु परिवर्तन, और वैश्विक दक्षिण देशों की साझेदारी को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई। पीएम मोदी के स्वागत में ब्राज़ील सरकार ने विशेष सम्मान दिखाया, और राष्ट्रपति लूला से उनकी गर्मजोशी भरी मुलाक़ात ने दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को नई ऊर्जा दी।

इस बार का ब्रिक्स सम्मेलन कई मायनों में ऐतिहासिक है, क्योंकि इसमें नए सदस्य देशों के शामिल होने के बाद समूह की वैश्विक पहुंच और प्रभाव और भी बढ़ गया है। सदस्य देशों ने संयुक्त बयान में पश्चिमी देशों की संरक्षणवादी नीतियों और बढ़ते टैरिफ के खिलाफ आवाज़ उठाई, जो वैश्विक व्यापार और आपूर्ति शृंखलाओं के लिए नुकसानदेह हैं। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ब्रिक्स देशों ने विकसित राष्ट्रों से अधिक वित्तीय समर्थन की मांग की और ब्राज़ील की ‘ट्रॉपिकल फॉरेस्ट्स फॉरएवर फैसिलिटी’ योजना का समर्थन किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में विकासशील देशों की आवाज़ को वैश्विक मंचों पर मजबूती से उठाने की बात कही और संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं में सुधार की ज़रूरत को रेखांकित किया। इस सम्मेलन के ज़रिए भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह वैश्विक दक्षिण के नेतृत्व में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है और एक संतुलित, समावेशी और बहुपक्षीय विश्व व्यवस्था के पक्ष में खड़ा है।