प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच ऐतिहासिक मुलाकात संपन्न हुई, जिस पर पूरी दुनिया की नजर थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया, और यह स्वागत पूरी दुनिया के लिए एक यादगार क्षण बन गया। ट्रंप ने भारत और मोदी की जमकर तारीफ की, वहीं पीएम मोदी ने भी स्पष्ट संदेश दिया कि भारत यूक्रेन युद्ध पर तटस्थ नहीं है, बल्कि वह शांति का समर्थक है। दोनों नेताओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत-अमेरिका मित्रता की मजबूत झलक देखने को मिली। इस मुलाकात के दौरान भारत को वह बड़ी खुशखबरी भी मिली जिसका वर्षों से इंतजार था।

संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में व्यापार से लेकर आतंकवाद तक कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन एक नाम विशेष रूप से चर्चा का केंद्र बना—तहव्वुर राणा। राष्ट्रपति ट्रंप ने ऐलान किया कि अमेरिका मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को भारत को प्रत्यर्पित करेगा। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस प्रत्यर्पण को मंजूरी दे चुका था, और अब ट्रंप ने दुनिया के सामने इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी। उन्होंने कहा, ‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं में से एक तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है।’ इस पर पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप का आभार व्यक्त किया और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और अमेरिका साथ खड़े रहेंगे।

इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी और ट्रंप ने व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, और प्रौद्योगिकी जैसे विषयों पर उच्च स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता की। मोदी ने अदाणी समूह से जुड़े विवाद पर पूछे गए सवाल का उत्तर देते हुए कहा, ‘भारत एक लोकतांत्रिक देश है, और हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम की विचारधारा को मानती है। व्यक्तिगत मामलों पर देशों के नेता चर्चा नहीं करते।’

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के समापन पर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उनकी मुलाकात बेहद सफल रही और इससे भारत-अमेरिका मित्रता को नया बल मिलेगा। उन्होंने लिखा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप अक्सर एमएजीए (MAGA) के बारे में बात करते हैं। भारत में हम विकसित भारत की दिशा में कार्य कर रहे हैं, जिसे अमेरिकी संदर्भ में एमआईजीए (MIGA) कहा जा सकता है—भारत-अमेरिका समृद्धि के लिए मेगा साझेदारी।’

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस यात्रा को अत्यंत सार्थक बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के बाद यह प्रधानमंत्री मोदी की पहली अमेरिका यात्रा थी, जो दोनों देशों के संबंधों की प्राथमिकता को दर्शाती है। इस दौरान राष्ट्रीय खुफिया विभाग की नई नियुक्त निदेशक तुलसी गबार्ड, एलन मस्क और विवेक रामास्वामी सहित कई प्रमुख हस्तियों से प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हुई। व्हाइट हाउस में चली 4 घंटे की इस उच्च स्तरीय चर्चा में रणनीतिक और सुरक्षा सहयोग, व्यापार, आर्थिक संबंध, ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और वैश्विक मुद्दों पर गहन बातचीत हुई।

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए ‘मिशन-500’ की शुरुआत की, जिसका लक्ष्य 2030 तक भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार को 500 बिलियन डॉलर से अधिक तक पहुंचाना है। इस यात्रा ने दोनों देशों के संबंधों को और मजबूती प्रदान की और वैश्विक परिदृश्य में भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को नए आयाम दिए।