संसद के शीतकालीन सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अडानी मामले पर जहां विपक्ष सरकार पर हमलावर है, वहीं सत्ता पक्ष जॉर्ज सोरोस का मुद्दा उठाकर पलटवार कर रहा है। सोमवार को सोरोस के कथित विदेशी प्रभाव को लेकर चर्चा की मांग ने सदन में जमकर हंगामा कराया, जिससे राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी।

विपक्ष का आरोप और सत्ता पक्ष की दलीलें

विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर संसद की कार्यवाही बाधित कर रही है। दूसरी ओर, सत्ता पक्ष का कहना है कि जॉर्ज सोरोस का मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और इस पर चर्चा आवश्यक है।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने 6 दिसंबर को यह मुद्दा उठाया था, जिसके बाद से यह विवाद तेज हो गया। उन्होंने कांग्रेस से 10 सवाल पूछे और आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं के विदेशी ताकतों के साथ संबंध हैं। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी इस मुद्दे को “गंभीर और राष्ट्रीय एकता के लिए खतरनाक” बताया।

सदन में हंगामा और स्थगन

सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत 11 नोटिस मिले हैं। इनमें किसानों की स्थिति, मणिपुर की कानून-व्यवस्था, और अल्पसंख्यक बच्चों के साथ दुर्व्यवहार जैसे विषय शामिल थे। लेकिन बीजेपी सांसदों ने सोरोस मुद्दे को प्रमुखता दी और इस पर चर्चा की मांग की।

बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी और कविता पाटीदार ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता जॉर्ज सोरोस से जुड़े संगठनों के साथ संबंध रखते हैं। विपक्ष ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए हंगामा किया।

सभापति ने नियम 267 के तहत चर्चा की अनुमति देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। बीजेपी सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि यह जरूरी है कि जनता को बताया जाए कि कौन देश की सुरक्षा के साथ षड्यंत्र कर रहा है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने इसे संसद की परंपराओं के खिलाफ बताया।

अडानी से सोरोस तक बढ़ा विवाद

यह विवाद तब शुरू हुआ जब कांग्रेस ने अडानी समूह के खिलाफ जेपीसी जांच की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। इसके जवाब में बीजेपी ने जॉर्ज सोरोस और OCCRP (ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट) का मुद्दा उठाया, जिसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी के विदेशी संगठनों से कथित संबंधों को निशाना बनाया गया।

बीजेपी ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी का संबंध जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन से फंडेड एक संगठन से है, जिसने कश्मीर को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में समर्थन दिया था। इस पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे बेबुनियाद आरोप बताया।

क्या है आगे का रास्ता?

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार चाहती है कि संसद सुचारू रूप से चले और महत्वपूर्ण बिल पास हों। हालांकि, विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखा टकराव यह दर्शाता है कि शीतकालीन सत्र में सहमति की संभावना कम है।