आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इंडिया गठबंधन के नेतृत्व को लेकर ममता बनर्जी के नाम का समर्थन किया है। उन्होंने कांग्रेस की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए कहा कि ममता बनर्जी को यह जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। लालू यादव ने कहा, “कांग्रेस के विरोध करने से कुछ नहीं होगा। ममता बनर्जी को नेतृत्व दिया जाए।” इससे पहले, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी ममता बनर्जी के नेतृत्व के समर्थन में अपनी राय जाहिर की थी।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें मौका मिले, तो वह गठबंधन का नेतृत्व करते हुए बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं। इस बयान के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है।

कांग्रेस और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने ममता बनर्जी के नेतृत्व के प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा है कि उनकी पार्टी सिर्फ बंगाल तक सीमित है और उनका राष्ट्रीय राजनीति में उतना कद नहीं है। बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा, “ममता बनर्जी एक बड़ी नेता हैं, लेकिन उनकी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत नहीं है।” पप्पू यादव ने भी ममता बनर्जी का सम्मान जताते हुए कहा कि उन्हें “दिल बड़ा रखना होगा।”

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन की कोई बैठक नहीं हुई है। उन्होंने सुझाव दिया कि नेतृत्व का मुद्दा अगली बैठक में तय होगा और तब तक किसी निष्कर्ष पर पहुंचना संभव नहीं है।

नीतीश कुमार पर लालू यादव का हमला

लालू यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रस्तावित महिला संवाद यात्रा पर तंज कसते हुए कहा, “वह सिर्फ आंख सेकने जा रहे हैं। पहले अपनी आंख सेक लें, फिर सरकार बनाने की सोचें।” विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के 200 प्लस सीट जीतने के दावे पर भी लालू ने कटाक्ष करते हुए यही बयान दोहराया।

राजनीतिक महत्व

इंडिया गठबंधन के नेतृत्व को लेकर बढ़ी बहस ने कांग्रेस, टीएमसी और अन्य दलों के बीच संभावित मतभेदों को उजागर कर दिया है। जहां ममता बनर्जी अपनी भूमिका को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं, वहीं कांग्रेस और अन्य दल नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सतर्क दिखाई दे रहे हैं।