संभल, उत्तर प्रदेश में एक विवाद उठ खड़ा हुआ है जिसमें शाही जामा मस्जिद को पूर्व में श्रीहरिहर मंदिर होने का दावा किया जा रहा है। इस मामले को लेकर हिंदू पक्ष ने अदालत में याचिका दायर की थी, जिसके परिणामस्वरूप 19 नवंबर 2024 को कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वे किया गया।

सर्वे के दौरान मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई, हालांकि मुस्लिम पक्ष ने याचिकाकर्ता को मस्जिद में प्रवेश करने से रोक दिया, जिसके चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई। सर्वे के दौरान मस्जिद के बाहर भारी भीड़ और नारेबाजी भी देखने को मिली।

यह विवाद एक व्यापक धार्मिक और राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है, जैसा कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के अन्य स्थानों जैसे ज्ञानवापी मस्जिद और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर हो रहे विवादों से संबंधित देखा गया है​

इस घटना के बाद, प्रशासन ने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है और इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है ताकि सांप्रदायिक तनाव को बढ़ने से रोका जा सके।

इस बवाल ने 48 साल पहले हुए सांप्रदायिक दंगों की यादें ताजा कर दी हैं। 1976 में संभल में शाही जामा मस्जिद के इमाम की हत्या के बाद भी शहर में बड़ा दंगा हुआ था, जिसे काबू करने के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा था। रविवार के बाद, संभल के बुजुर्गों को उस समय के हालात याद आ गए, जब शहर में माहौल अस्थिर हो गया था।

स्थानीय लोगों से प्रशासन ने अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें तथा माहौल को स्थिर करने में सभी लोग सहयोग करें। शांति और सुरक्षा सबके हित में है।