तिरुपति मंदिर में बुधवार देर शाम हुए भगदड़ हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है। वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण यह दुर्घटना हुई, जिसमें छह श्रद्धालुओं की जान चली गई और करीब 40 लोग घायल हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की, जबकि सीएम नायडू ने इस हादसे को अत्यंत दुखद बताते हुए पीड़ितों के परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिया।

मुख्यमंत्री नायडू ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) और जिला प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और अधिकारियों से कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी श्यामला राव ने घटना की जांच का आश्वासन दिया है, वहीं टीटीडी अध्यक्ष बीआर नायडू ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और हादसे की निगरानी के लिए एक समिति गठित करने की बात कही।

यह भगदड़ 10 जनवरी से शुरू हो रहे 10 दिवसीय वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए हो रही टोकन वितरण प्रक्रिया के दौरान मची। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और प्रबंधन की कमी ने स्थिति को नियंत्रण से बाहर कर दिया। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाने और सीपीआर देने की भरपूर कोशिश की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।

इस घटना ने भीड़ प्रबंधन में प्रशासन की खामियों को उजागर किया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को घायलों के बेहतर उपचार का निर्देश दिया और गुरुवार को घायलों और मृतकों के परिवारों से मिलने का निर्णय लिया। यह हादसा इस बात का संकेत है कि धार्मिक स्थलों पर बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा के लिए सुदृढ़ योजना और आधुनिक तकनीकों का उपयोग कितना महत्वपूर्ण है।