
गोरखपुर नगर निगम ने आउटसोर्सिंग के जरिए रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और लेखपाल के पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया है। इन पदों के लिए केवल रिटायर्ड अफसरों और कर्मचारियों को ही चुना जाएगा। आउटसोर्सिंग के जरिये भरे जाने वाले इन पदों की सैलरी भी विज्ञापन में बताई गई है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस विज्ञापन के बहाने योगी सरकार पर निशाना साधा है।

अखिलेश यादव ने एक्स हैंडल पर पोस्ट के माध्यम से कहा, ” बेहतर होगा कि भाजपा पूरी की पूरी सरकार ही आउटसोर्स कर दे तो उसका एक जगह से ही सारा कमीशन, एक साथ सेट हो जाए। ऐसा करने से भाजपा को फुटकर में नौकरी और उसके बहाने आरक्षण को खत्म करने का महाकष्ट नहीं उठाना पड़ेगा। हम तो हमेशा से कहते रहे हैं, आज फिर दोहरा रहे हैं: नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। आउटसोर्सिंग PDA के खिलाफ एक आर्थिक साजिश है। भाजपा इस प्रस्ताव को तत्काल वापिस करे और नौकरी-आरक्षण का सांविधानिक हक न छीने।”
गोरखपुर नगर निगम के विज्ञापन में बताया गया है कि आउटसोर्सिंग के जरिए भरे जाने वाले पदों पर नियुक्त व्यक्ति को विभिन्न वेतन दिए जाएंगे। तहसीलदार को 35,000 रुपये, नायब तहसीलदार को 30,000 रुपये, राजस्व निरीक्षक को 29,000 रुपये और लेखपाल को 27,000 रुपये मासिक वेतन मिलेगा।
गोरखपुर नगर निगम द्वारा आउटसोर्सिंग के माध्यम से रिटायर्ड कर्मचारियों की भर्ती के विज्ञापन के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स में आक्रोश देखा जा रहा है।