
New Delhi: 30 जुलाई 2025 को रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास प्रशांत महासागर में आए भूकंप ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 8.7 से 8.8 के बीच मापी गई, जिसकी वजह से रूस, जापान और अमेरिका सहित कई प्रशांत क्षेत्रीय देशों में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई। रिपोर्टों के मुताबिक, रूस के तटवर्ती क्षेत्रों में तीन से चार मीटर ऊंची लहरें देखी गईं, जिससे कुछ जगहों पर तबाही के दृश्य भी सामने आए। जापान के होक्काइदो और तोहोकू क्षेत्रों में एक मीटर ऊंची लहरों की आशंका के चलते फुकुशिमा जैसे परमाणु संयंत्रों को एहतियातन खाली कराया गया। वहीं अमेरिका के हवाई, गुआम, चिली और अन्य प्रशांत द्वीपीय इलाकों को भी अलर्ट पर रखा गया है।
इस भूकंप के बाद भारत में भी लोगों में चिंता देखी गई, लेकिन देश के समुद्री चेतावनी एजेंसी INCOIS ने स्पष्ट किया है कि इस भूकंप से भारत को किसी तरह की सुनामी या अन्य खतरा नहीं है। एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह भूकंप प्रशांत महासागर के क्षेत्र में सीमित रहेगा और भारतीय महासागर में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं, खासकर कुछ लोगों ने इसे प्रसिद्ध भविष्यवक्ता बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों से भी जोड़ा है, जिन्होंने जुलाई में प्राकृतिक आपदाओं की आशंका जताई थी।
फिलहाल, रूस और जापान के तटवर्ती क्षेत्रों में राहत और बचाव दल सक्रिय हैं, और प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। हालांकि अभी तक किसी बड़ी जनहानि की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है। भारत के लिए राहत की बात यह है कि यह प्राकृतिक आपदा उसकी सीमा से दूर है और फिलहाल किसी भी खतरे की संभावना नहीं है।