
National: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने स्लोवाकिया में कहा कि भारत एक ऐतिहासिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और वैश्विक मंच पर तकनीकी नवाचार, सतत विकास और प्रौद्योगिकी में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत ने अक्षय ऊर्जा, डिजिटल तकनीक, सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, ऑटोमोबाइल, फार्मा, जैव प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और फिनटेक जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। भारत आने वाले वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेज़ी से अग्रसर है, जिसमें वैश्विक साझेदारों विशेषकर स्लोवाकिया जैसे मित्र राष्ट्रों के साथ सहयोग को प्राथमिकता दी जा रही है।
स्लोवाकिया यात्रा के दूसरे दिन राष्ट्रपति मुर्मु ने ब्रातिस्लावा में स्लोवाकिया-इंडिया बिजनेस फोरम को संबोधित किया। उन्होंने भारत और स्लोवाकिया के बीच घनिष्ठ संबंधों को रेखांकित करते हुए बताया कि दोनों देशों ने वर्षों से व्यापार, निवेश और तकनीक जैसे क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी निभाई है। उन्होंने स्लोवाक कंपनियों को मेक इन इंडिया पहल में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि भारत का विशाल उपभोक्ता बाजार, कुशल मानव संसाधन और तेजी से बढ़ता स्टार्टअप इकोसिस्टम स्लोवाक निवेशकों के लिए अनेक संभावनाएं लेकर आता है।
बाद में राष्ट्रपति ने नाइट्रा स्थित कॉन्स्टेंटाइन द फिलॉसफर यूनिवर्सिटी का दौरा किया, जहां उन्हें शिक्षा, सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक समावेशन में उनके योगदान के लिए मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया गया। अपने भाषण में उन्होंने इस सम्मान को भारत की प्राचीन शांति और ज्ञान परंपरा को समर्पित किया और कहा कि भारत शिक्षा को अपने राष्ट्रीय विकास की नींव मानता है।
इसके अलावा, उन्होंने स्लोवाक राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी के साथ जगुआर लैंड रोवर फैक्ट्री का दौरा किया और स्लोवाक बच्चों द्वारा भारत पर आधारित चित्रकला प्रदर्शनी एवं रामायण पर आधारित कठपुतली शो का भी अवलोकन किया। उन्होंने इन सांस्कृतिक पहलों को भारत-स्लोवाक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम बताया।
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