नई दिल्ली: इंडिगो एयरलाइन में चल रहे संकट और बड़े पैमाने पर उड़ानों के रद्द होने की स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार अब सख्त मोड में आ गई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और आर्थिक राहत को प्राथमिकता देते हुए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय ने इंडिगो को स्पष्ट निर्देश दिया है कि रद्द उड़ानों या प्रभावित यात्रियों का पैसा तुरंत वापस किया जाए और किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इंडिगो संकट का फायदा उठाते हुए कई अन्य एयरलाइनों द्वारा अचानक किराया बढ़ाने की शिकायतों के बाद सरकार ने तत्काल कदम उठाते हुए सभी घरेलू एयरलाइंस के लिए किराया सीमा तय कर दी है। मंत्रालय ने अपनी रेगुलेटरी पावर का इस्तेमाल करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि एयरलाइंस यात्रियों से वाजिब और नियंत्रित किराया ही वसूलें।

नई किराया सीमा इस प्रकार है:

500 किमी तक की दूरी: अधिकतम किराया ₹7,500

500–1000 किमी: अधिकतम किराया ₹12,000

1000–1500 किमी: अधिकतम किराया ₹15,000

1500 किमी से अधिक दूरी: अधिकतम किराया ₹18,000

सरकार के नए दिशा-निर्देश

सरकार ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि ये किराया सीमाएं उपयोगकर्ता विकास शुल्क, यात्री सेवा शुल्क और करों को छोड़कर हैं। ये नियम बिजनेस क्लास और आरसीएस (UDAN) उड़ानों पर लागू नहीं होंगे।
किराया सीमा तब तक लागू रहेगी जब तक किराये सामान्य और स्थिर नहीं हो जाते या अगला आदेश जारी नहीं होता।

मंत्रालय ने यह भी निर्देश दिया है कि:

ये किराया सीमा सभी प्रकार की बुकिंग पर लागू होगी, चाहे टिकट एयरलाइन वेबसाइट से खरीदा गया हो या किसी ऑनलाइन ट्रैवल एजेंट (OTA) से।

एयरलाइंस को सुनिश्चित करना होगा कि सभी किराया श्रेणियों में पर्याप्त टिकट उपलब्ध रहें।

जिन रूट्स पर अचानक मांग बढ़ गई है, वहाँ क्षमता बढ़ाने पर तुरंत विचार किया जाए।

एयरलाइंस उन सेक्टरों में अचानक या असामान्य किराया वृद्धि नहीं करेंगी जहाँ उड़ानें रद्द होने से यात्रियों पर असर पड़ा है।

प्रभावित यात्रियों को अधिकतम संभव सहायता दी जाए, जिसमें जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक उड़ान विकल्प भी शामिल हों।

सरकार के ये निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

यह कदम यात्रियों को राहत देने, एयरलाइन संचालन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और हवाई यात्रा को स्थिर व सुरक्षित बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।