
Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का गोमतीनगर रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। यह स्टेशन उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर रेलवे का पहला ऐसा रेलवे स्टेशन बन गया है, जिसे आंशिक रूप से निजी कंपनियों को सौंपा गया है। यहां ट्रेन संचालन, सुरक्षा और टिकट बिक्री को छोड़कर स्टेशन प्रबंधन, सफाई, रखरखाव, खानपान, पार्किंग और यात्री सुविधाओं का संचालन अब निजी हाथों में होगा। इस पहल को रेलवे के आधुनिकीकरण और निजीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य यात्रियों को विश्वस्तरीय सेवाएं उपलब्ध कराना है।
रेलवे बोर्ड द्वारा इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र जारी किया गया है, जिसमें रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (RLDA) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। पहले चरण में चंडीगढ़ और गोमतीनगर रेलवे स्टेशन को इस मॉडल के लिए चुना गया है। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक अनवर हुसैन के अनुसार, RLDA अब निजी कंपनियों को आमंत्रित करेगा और उन्हें 9 वर्षों के लिए (3 साल विस्तार योग्य) लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे। इससे मिलने वाले परपेटुअल लाइसेंस शुल्क का 15 प्रतिशत हिस्सा RLDA को और 85 प्रतिशत भारतीय रेलवे को मिलेगा।
गोमतीनगर रेलवे स्टेशन, जो लखनऊ जिले में स्थित है, उत्तर प्रदेश के व्यस्ततम स्टेशनों में से एक है। इसमें 6 प्लेटफॉर्म हैं और यह गोरखपुर, छपरा और बरौनी जैसे शहरों को जोड़ने वाली प्रमुख ट्रेनों को संभालता है। रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, यहां से प्रतिदिन लगभग 76 ट्रेनें गुजरती हैं। इस स्टेशन का उद्घाटन स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, और अब इसे नए निजी मॉडल के तहत विकसित किया जा रहा है।
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य स्टेशन की सेवाओं को आधुनिक बनाना और यात्रियों को स्वच्छ, सुरक्षित तथा आरामदायक वातावरण उपलब्ध कराना है। निजी कंपनियों के पास अधिक संसाधन और तकनीकी नवाचारों की सुविधा होती है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि स्टेशन का कायाकल्प होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि खानपान, सफाई और अन्य सेवाओं में गुणवत्ता का सुधार होगा। हालांकि, इस पहल को लेकर कुछ चिंताएं भी उठाई जा रही हैं। आलोचकों का मानना है कि निजीकरण से सेवाओं की लागत बढ़ सकती है, जिससे आम यात्रियों पर आर्थिक बोझ पड़ सकता है। इसके साथ ही निजी ऑपरेटरों द्वारा सेवाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। बावजूद इसके, गोमतीनगर रेलवे स्टेशन पर यह नई व्यवस्था भारतीय रेलवे में सुधार और आधुनिकता की दिशा में एक प्रयोगात्मक और संभावनाओं से भरा कदम है।