नई दिल्ली: म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को आए 7.2 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही की आशंका बढ़ा दी है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, यह शक्तिशाली भूकंप दोपहर 12:50 बजे आया, जिसका केंद्र म्यांमार के सागाइंग शहर के उत्तर-पश्चिम में 16 किलोमीटर की दूरी पर था और इसकी गहराई मात्र 10 किलोमीटर थी। कम गहराई पर आए इस भूकंप के कारण नुकसान की संभावना और भी ज्यादा हो गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा- “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। इस संबंध में, हमने अपने अधिकारियों से तैयार रहने को कहा है। साथ ही विदेश मंत्रालय से म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ संपर्क में रहने को कहा है।”

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से सामने आए वीडियो में एक बहुमंजिला इमारत को ताश के पत्तों की तरह ढहते देखा गया, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई। झटकों के दौरान लोग घरों और दफ्तरों से बाहर भागते नजर आए, वहीं कुछ रेस्तरां में लोग खाना खाते वक्त अचानक कुर्सियों और टेबल के हिलने से घबरा गए।

म्यांमार में भी इस भूकंप का जबरदस्त असर देखने को मिला, जहां सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में अवा और सागाइंग क्षेत्रों को जोड़ने वाला एक बड़ा पुल भूकंप के झटकों के कारण ढह गया। पुल का मलबा इरावदी नदी में गिरता दिख रहा है, जिससे यातायात और संचार व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।

इस भूकंप के झटके चीन के युन्नान और गुआंग्शी प्रांतों तक महसूस किए गए, जहां लोगों ने तेज कंपन की सूचना दी। वहीं, भारत में भी दिल्ली-एनसीआर समेत पूर्वोत्तर राज्यों में हल्के झटके महसूस किए गए, हालांकि किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। इस आपदा के बाद म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों ने आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय कर दिया है और राहत व बचाव कार्यों के लिए सेना और बचाव दलों को तैनात किया गया है। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और अफवाहों से बचने की अपील की है। इस भूकंप ने व्यापक तबाही मचाई है, और इसके प्रभाव का सही आकलन करने में अभी कुछ समय लग सकता है।