New Delhi: देश की संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता को लेकर जारी राजनीतिक विवाद के बीच 16 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, 123 पूर्व नौकरशाहों और 133 सेवानिवृत्त सेना अधिकारियों सहित कुल 272 प्रतिष्ठित नागरिकों ने एक खुला पत्र जारी किया है। इस पत्र में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर चुनाव आयोग (ECI) की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया गया है।

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खुले पत्र में कहा गया है कि कुछ राजनीतिक नेता, विशेष रूप से कांग्रेस नेतृत्व, लोकतांत्रिक संस्थाओं को बदनाम करने की रणनीति अपनाए हुए हैं। पत्र में लिखा गया है कि भारत के लोकतंत्र पर हमला ताकत के बल पर नहीं, बल्कि संवैधानिक ढांचे और संस्थाओं के खिलाफ ज़हरीली बयानबाज़ी के बढ़ते दौर से हो रहा है।

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर बार-बार “वोट चोरी” में शामिल होने और “100 प्रतिशत सबूत” होने का दावा करते हुए गंभीर लेकिन निराधार आरोप लगाए हैं। पत्र में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि ऐसी टिप्पणी और आरोप जनता का विश्वास कमजोर करते हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

इन वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि राजनीतिक असहमति को तथ्य और नीतियों के आधार पर होना चाहिए, न कि भड़काऊ शब्दों और ड्रामा-आधारित राजनीति के सहारे। उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे देश की संस्थाओं की गरिमा और निष्पक्षता का सम्मान करें।

इस खुले पत्र के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी क्या प्रतिक्रिया देती है, और इस मामले पर चुनाव आयोग की आगे की कार्रवाई क्या होगी।