New Delhi: नेपाल में सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ जेनरेशन-ज़ी का आंदोलन बेहद हिंसक हो गया। 4 सितंबर को नेपाल सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, एक्स, लिंक्डइन और सिग्नल समेत 26 बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को प्रतिबंधित कर दिया था।
इसके विरोध में काठमांडू सहित कई शहरों में छात्र, युवाओं और पत्रकारों ने जोरदार प्रदर्शन किए। “करप्शन बंद करो, सोशल मीडिया नहीं” जैसे नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों की भीड़ संसद और मैतीघर मंडला क्षेत्र में उमड़ी। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने आंसू गैस, पानी की बौछार, रबर बुलेट और गोलियां तक चलाईं, जिसमें करीब 19 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा घायल हुए। हालात को काबू में करने के लिए कर्फ्यू भी लगाया गया।
बढ़ते विरोध और हिंसा के चलते सरकार को झुकना पड़ा और कैबिनेट की आपात बैठक में सोशल मीडिया बैन हटा लिया गया। संचार मंत्री ने इसकी पुष्टि करते हुए युवाओं से प्रदर्शन खत्म करने की अपील की। इस घटना के बाद गृहमंत्री ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा भी दे दिया।
सरकार ने हिंसा की जांच के लिए एक समिति बनाई है जो 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। यह पूरा घटनाक्रम नेपाल में डिजिटल आज़ादी और लोकतांत्रिक अधिकारों को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।
मशहूर अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने अपने नेपाल में मौजूदा हालात में पोस्ट कर अपना विचार साझा किया-

