
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पाकिस्तान में मानवाधिकार कार्यकर्ता महरंग बलूच की हिरासत पर कड़ी आपत्ति जताई है। संगठन के अनुसार, महरंग को गैरकानूनी रूप से 38 घंटे से अधिक समय से हिरासत में रखा गया है और उन्हें उनके वकीलों व परिवार से मिलने की अनुमति भी नहीं दी जा रही है।
एमनेस्टी ने बलूचिस्तान में मनमाने ढंग से हो रही गिरफ्तारियों और अवैध हिरासत की बढ़ती घटनाओं पर भी चिंता व्यक्त की है। संगठन ने पाकिस्तानी अधिकारियों से महरंग बलूच और शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे अन्य लोगों को तुरंत रिहा करने की मांग की है।
दक्षिण एशिया में एमनेस्टी इंटरनेशनल के क्षेत्रीय कार्यालय ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि बलूच कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फंसाकर उनकी हिरासत को जबरन बढ़ाने से बचना चाहिए। एमनेस्टी ने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्ण विरोध करने का अधिकार दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि महरंग बलूच को शनिवार सुबह पुलिस ने हिरासत में लिया था। वह बलूच समुदाय के मानवाधिकारों के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही हैं और उनकी प्रमुख आवाज़ मानी जाती हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, सुरक्षा बलों ने महरंग के साथ कई अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है।
महरंग बलूच की हिरासत को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी चिंतित है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार रक्षकों की विशेष दूत मैरी लॉलर ने इस गिरफ्तारी की निंदा की और कहा कि बलूच कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों के साथ हो रहे दमन पर पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत है। उन्होंने बलूच यकजेहती समिति के प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की निंदा करते हुए, महरंग बलूच और अन्य कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई की मांग की है।
बता दें कि एमनेस्टी इंटरनेशनल एक वैश्विक मानवाधिकार संगठन है, जो दुनिया भर में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए शोध और कार्रवाई करता है। दक्षिण एशिया क्षेत्रीय कार्यालय भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश समेत अन्य देशों में मानवाधिकारों की रक्षा और वकालत के लिए सक्रिय रूप से काम करता है।
अंतरराष्ट्रीय खबरों के अनुसार