
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, जिसे ‘पूरब का ऑक्सफोर्ड’ भी कहा जाता है, का 136वां दीक्षांत समारोह 27 नवंबर को आयोजित हुआ। इस ऐतिहासिक समारोह में विश्वविद्यालय के 136 विद्यार्थियों को उनके अकादमिक उत्कृष्टता के लिए मेडल से नवाजा गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंच से 8 मेधावी विद्यार्थियों को मेडल प्रदान किए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और प्रतिष्ठित अतिथियों ने शिरकत की, और इस आयोजन ने विश्वविद्यालय के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ा।

समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुये। उन्होनें विश्वविद्यालय के शैक्षिक मानकों की सराहना करते हुए छात्रों को भविष्य में सफलता की शुभकामनाएं दीं। उन्होनें छात्रों को समय के गति से आगे चलने की बात कहते हुये समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने और उन्हें पूरा करने की अपील की ।
इस वर्ष के दीक्षांत समारोह में हिंदी के प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। उन्हें हिंदी कविता के प्रचार-प्रसार और रचनात्मक योगदान के लिए यह उपाधि दी गयी। कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि हिंदी हमारी राजभाषा है, और विश्वविद्यालय चाहता है कि हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिले।
इससे पहले, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने वर्ष 1996 में मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम और पूर्व चुनाव आयुक्त टी एन शेषन को मानद उपाधि दी थी। इसके अतिरिक्त, 2023 में प्रख्यात वैज्ञानिक डॉक्टर दीपक धर और 2001 में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर रिचर्ड अर्नेस्ट को डीएसी की उपाधि प्रदान की गई थी।
इस मौके पर विश्वविद्यालय के प्रमुख अधिकारी और विभिन्न शिक्षा क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोग रहे, जो छात्रों के भविष्य को लेकर अपने विचार साझा किए। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आने वाले समय में और अधिक समृद्धि की कामना की और भविष्य में शिक्षा क्षेत्र में और उत्कृष्टता की ओर बढ़ने के लिए अपने प्रयासों को मजबूत करने का वादा किया।
इस दीक्षांत समारोह ने न केवल इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शैक्षिक महत्व को रेखांकित किया, बल्कि यह विश्वविद्यालय की सामाजिक और सांस्कृतिक जिम्मेदारियों के प्रति एक प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।