

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार (10 दिसंबर) को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 92वें संस्थापक सप्ताह समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने देश की प्रगति, आत्मनिर्भरता, और जिम्मेदारी के महत्व पर जोर देते हुए विद्यार्थियों और नागरिकों को प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “जो खुद को बदलने और परिस्थितियों के अनुरूप तैयार करने में सक्षम होता है, वही दुनिया को प्रभावित कर सकता है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उभरते नए भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि आज भारत वैश्विक मंच पर एक प्रभावशाली शक्ति बन चुका है। जी-20 शिखर सम्मेलन इसका जीता-जागता प्रमाण है।
दुनिया की दिशा तय करता है भारत
सीएम योगी ने कहा कि भारत आज दुनिया के ध्रुवीकरण की दिशा निर्धारित करने वाला देश बन गया है। उन्होंने बताया कि पहले भारत वैश्विक गुटों में अपनी जगह बनाने को लेकर असमंजस में था, लेकिन अब नया भारत अपनी अलग पहचान स्थापित कर रहा है।
जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि देश को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक और संस्था की भी है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा निर्धारित ‘अगले 25 वर्षों के रोडमैप’ का जिक्र करते हुए कहा कि जब भारत अपनी स्वतंत्रता का शताब्दी महोत्सव मनाएगा, तब तक इसे एक विकसित राष्ट्र बनाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। इसके लिए हर व्यक्ति और संस्था को अपना योगदान देना होगा।
तकनीक का सही उपयोग जरूरी
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने तकनीकी के महत्व और उसके संतुलित उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि तकनीकी का इस्तेमाल जीवन को सरल और सहज बनाने के लिए होना चाहिए, लेकिन हमें इसे नियंत्रित करने की क्षमता भी विकसित करनी होगी। उन्होंने गर्व के साथ बताया कि विश्व के शीर्ष संस्थानों में भारतीय युवाओं की भागीदारी और उनकी तकनीकी विशेषज्ञता दुनिया भर में सराही जा रही है।
सफलता के मूलमंत्र: अनुशासन, परिश्रम और टीम भावना
समारोह के दौरान सीएम योगी ने जीवन में अनुशासन, कठोर परिश्रम और टीम भावना को सफलता का मूलमंत्र बताया। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के एकल क्षेत्र में एकाग्रता और मेहनत की आवश्यकता होती है, जबकि समूह में काम करते समय टीम भावना का होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर उन्होंने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह को ‘अनुशासन पर्व’ के रूप में मनाने की आवश्यकता पर बल दिया और विद्यार्थियों को सर्वांगीण विकास के लिए प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह संबोधन युवाओं और देश के हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी निभाने और भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में योगदान देने का संदेश देता है।