भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में भाग लिया और इस अवसर पर कहा कि “भविष्य युद्ध में नहीं, बल्कि बुद्ध में है।” उन्होंने ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर की सराहना करते हुए इसे शांति और समृद्धि का प्रतीक बताया। प्रधानमंत्री ने बताया कि ओडिशा में हर कदम पर हमारे इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर की झलक मिलती है। उन्होंने सम्राट अशोक का उल्लेख करते हुए कहा कि जब दुनिया तलवार के दम पर साम्राज्य बना रही थी, तब अशोक ने शांति का मार्ग चुना था। यही संदेश आज भारत पूरी दुनिया को दे रहा है।

इस बार प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन पहली बार किसी पूर्वी राज्य में किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य पूर्वी भारत के विकास और प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को मजबूत करना है। सम्मेलन का विषय “विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान” है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्वी भारत के विकास के बिना विकसित भारत का सपना पूरा नहीं हो सकता। ओडिशा, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश को शामिल करते हुए पूर्वोदय परियोजना के तहत इन राज्यों के समग्र विकास की योजना बनाई गई है।

प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह ट्रेन प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना के तहत चलाई गई है और प्रवासी भारतीयों को भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों से परिचित करवाने का एक प्रयास है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी भारत की युवा पीढ़ी की भूमिका पर जोर देते हुए प्रवासी भारतीयों से भारत को पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने की अपील की।

जयशंकर ने कहा कि एआई, इलेक्ट्रिक वाहनों, स्टार्टअप और खेलों में भारतीय युवा दुनिया में नए बदलाव ला रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब “चलता है” से “बदलाव” की ओर बढ़ रहा है।

भुवनेश्वर में आयोजित यह सम्मेलन प्रवासी भारतीयों और भारत के बीच सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सम्मेलन ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने और पूर्वोदय परियोजना के तहत पूर्वी भारत को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के उद्देश्य को साकार करने में मदद करेगा।