किसान यूनियनों के पंजाब बंद का असर प्रदेशभर में दिखाई देने लगा है। सोमवार सुबह 7 बजे से किसानों ने राज्य के प्रमुख हाईवे बंद कर दिए हैं। अमृतसर-दिल्ली और जालंधर-दिल्ली नेशनल हाईवे पर किसानों ने धरना दिया है, जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। हाईवे से गुजरने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

यह बंद फसलों की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का गारंटी कानून और 13 अन्य मांगों को लेकर किसानों द्वारा आयोजित किया गया है। बंद के कारण राज्य के सभी बाजार, संस्थान, रेल और बस सेवाएं, दुकानें, सब्जी मंडियां, सरकारी और गैर-सरकारी दफ्तर, पेट्रोल और गैस पंप बंद हैं। हालांकि, मेडिकल स्टोर और आपातकालीन सेवाएं चालू हैं। इसके अलावा, हवाई अड्डों, बारात, इंटरव्यू और परीक्षा में शामिल होने वालों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं है।

मोहाली में आईसर के पास एयरपोर्ट रोड समेत दिल्ली और हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाले प्रमुख मार्गों को किसानों ने जाम कर दिया है। यह मार्ग हरियाणा और चंडीगढ़ से पंजाब को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण रास्ता है। बठिंडा हाईवे पर धरेड़ी जट्टा टोल प्लाजा पर भी किसानों ने रास्ता बंद कर दिया है। यातायात बाधित होने के कारण पंजाब और चंडीगढ़ विश्वविद्यालयों में होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।

कई संगठनों का समर्थन
एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) समेत कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने किसानों के इस आंदोलन का समर्थन किया है। एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने केंद्र और राज्य सरकार से अपील की है कि वे किसानों की जायज मांगों को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकार करें। उन्होंने घोषणा की कि सोमवार को एसजीपीसी के कार्यालय और संबंधित संस्थान बंद रहेंगे।