
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की उम्मीदों को झटका लग सकता है। महीनों तक टीम इंडिया समेत अन्य देशों को टूर्नामेंट में शामिल करने के लिए सुरक्षा गारंटी और भरोसे की कवायद करने वाला PCB अब घरेलू हालातों के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी पर सवालों के घेरे में आ गया है। इस्लामाबाद में हाल ही में हुए राजनीतिक तनाव और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन ने सुरक्षा चिंताओं को हवा दी है, जिसका असर खेल जगत पर साफ देखा जा रहा है।
श्रीलंकाई टीम ने पाकिस्तान दौरा बीच में छोड़ा
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने सुरक्षा स्थिति को देखते हुए श्रीलंका ए टीम को पाकिस्तान दौरे से तुरंत वापस बुला लिया है। यह टीम 50 ओवरों की सीरीज खेलने गई थी, लेकिन इस्लामाबाद में उपजे हालातों के बाद दौरे को बीच में ही रद्द करना पड़ा। इस कदम ने चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी को लेकर PCB की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
अन्य टीमें भी हो सकती हैं हिचकिचाहट का शिकार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, श्रीलंका के इस कदम के बाद अन्य टीमें भी पाकिस्तान का दौरा करने को लेकर अनिश्चित हो सकती हैं। सुरक्षा कारणों से पहले भी कई देशों ने पाकिस्तान में खेलने पर आपत्ति जताई है, और यह नया घटनाक्रम चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी के लिए PCB की तैयारियों पर पानी फेर सकता है।
आईसीसी की चुप्पी और 29 नवंबर की मीटिंग पर नजर
पिछले कुछ महीनों में PCB और BCCI के बीच चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर खींचतान जारी रही। BCCI ने सुरक्षा कारणों से भारतीय टीम के पाकिस्तान दौरे पर आपत्ति जताई थी। हालांकि, इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है। सूत्रों के मुताबिक, 29 नवंबर को ICC एक विशेष बैठक में टूर्नामेंट के शेड्यूल पर चर्चा करेगी। उम्मीद है कि अगले हफ्ते तक चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के कार्यक्रम की घोषणा हो जाएगी।
अगर पाकिस्तान मेजबानी से हटे तो क्या होगा?
PCB ने पहले ही T20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद चैंपियंस ट्रॉफी के ड्राफ्ट शेड्यूल को ICC को सौंप दिया था। लेकिन मौजूदा हालातों में यह मेजबानी पाकिस्तान से छिन सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर पाकिस्तान मेजबानी छोड़ता है, तो साउथ अफ्रीका को चैंपियंस ट्रॉफी आयोजित करने का मौका दिया जा सकता है।
अब सवाल यह है कि क्या PCB अपने घरेलू हालात सुधारकर टूर्नामेंट को सुरक्षित तरीके से आयोजित कर पाएगा, या फिर मेजबानी के अधिकार किसी अन्य देश को सौंपे जाएंगे।