महाराष्ट्र में महायुति की प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अंतिम निर्णय का इंतजार जारी है। हालांकि, यह लगभग स्पष्ट हो गया है कि एकनाथ शिंदे फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। ऐसे में एकनाथ शिंदे ने बीजेपी आलाकमान से बड़ी मांगें रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

सूत्रों के अनुसार, शिंदे ने शिवसेना के लिए विधान परिषद के अध्यक्ष पद और 12 मंत्री पद की मांग की है। इसके अलावा, उन्होंने कुछ प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी शिवसेना को सौंपने की भी मांग की। उन्होंने पालक मंत्री पद आवंटन में शिवसेना को उचित प्रतिनिधित्व देने की अपील भी की।

शिवसेना महायुति के साथ मजबूती से खड़ी

गुरुवार देर रात दिल्ली में अमित शाह के साथ हुई बैठक में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ। हालांकि, संकेत मिले हैं कि बीजेपी ने शिंदे को संतुष्ट कर लिया है। बैठक के बाद शिंदे ने भरोसा जताया कि शिवसेना महायुति के साथ मजबूती से खड़ी है।

दिल्ली में नेताओं की बैठक

इस बैठक में शिंदे के अलावा बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस, एनसीपी प्रमुख अजित पवार और अन्य महायुति नेता भी शामिल हुए। सभी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। बैठक के बाद शिंदे, फडणवीस और अजित पवार दिल्ली से रवाना हो गए।

क्या बोले एकनाथ शिंदे?

अमित शाह से मुलाकात के बाद शिंदे ने कहा, “मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि महायुति के मुख्यमंत्री को लेकर कोई बाधा नहीं है। दिल्ली में मेरी मुलाकात ‘लाडले भाई’ से हुई, और उनके साथ मेरा विश्वास सबसे बड़ा पद है।”

इससे पहले, शिंदे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए हर निर्णय को वह स्वीकार करेंगे, चाहे वह मुख्यमंत्री पद को लेकर हो या कोई अन्य मुद्दा।

भविष्य की रणनीति पर नजर

शिवसेना की इन मांगों और बीजेपी के साथ बैठकों के बाद अब महायुति सरकार के अगले कदम और सत्ता के बंटवारे को लेकर सभी की निगाहें लगी हुई हैं।