
देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। तबीयत बिगड़ने पर गुरुवार शाम उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे बीते कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार में उनकी पत्नी गुरशरण कौर और तीन बच्चे हैं। उनके निधन पर केंद्र सरकार ने सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। साथ ही सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।
डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने करियर की शुरुआत आर्थिक सलाहकार के रूप में की थी और इसके बाद वित्त मंत्री और फिर प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की। उनकी नेतृत्व क्षमता और आर्थिक सुधारों में योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “डॉ. मनमोहन सिंह जी उन दुर्लभ राजनेताओं में से एक थे, जिन्होंने शिक्षा और प्रशासन के क्षेत्र में समान सहजता से काम किया। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए अमूल्य योगदान दिया। उनके निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है। मैं उन्हें आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं और उनके परिवार तथा प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करती हूं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक प्रकट करते हुए कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर देश शोक मना रहा है। एक साधारण परिवार से निकलकर वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री और प्रभावशाली नेता बने। उन्होंने वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में हमारी आर्थिक नीतियों पर गहरी छाप छोड़ी। उनका योगदान सदैव याद किया जाएगा।”
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संदेश में लिखा, “डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन की खबर अत्यंत दुखद है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश की शासन व्यवस्था में अहम भूमिका निभाई। वाहेगुरु से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति मिले।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी समेत देश के विभिन्न क्षेत्रों की कई हस्तियों ने भी डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा दिवंगत नेता के आवास पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उनकी पत्नी गुरशरण कौर भी मौजूद थीं।
डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजघाट के पास किया जाएगा, जहां पूर्व प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार होता है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के समान अंतिम संस्कार के लिए स्थान की मांग कर रही है। सरकार और परिवार के बीच समन्वय से यह प्रक्रिया संपन्न होगी।