
Lifestyle: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट के अनुसार, अकेलापन अब एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट बनता जा रहा है, जिससे हर साल करीब 8.7 लाख लोगों की मौत हो रही है—यानी हर 35 सेकंड में एक व्यक्ति इसकी चपेट में आकर जान गंवा रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सामाजिक संबंधों की कमी न सिर्फ मानसिक, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी गहरा नुकसान पहुंचा रही है, जिससे स्ट्रोक, हृदय रोग, डायबिटीज, अवसाद और आत्महत्या जैसे गंभीर खतरे बढ़ जाते हैं।
WHO ने लोगों को अकेलेपन से उबरने और समाज से फिर से जुड़ने के लिए 5 अहम सुझाव दिए हैं—(1) दोस्तों और परिवार से संपर्क में रहना, (2) किसी क्लब, समूह या सामुदायिक गतिविधियों से जुड़ना, (3) नियमित और संतुलित दिनचर्या अपनाना जिसमें व्यायाम भी शामिल हो, (4) मानसिक स्वास्थ्य के लिए विशेषज्ञों से मदद लेना, और (5) डिजिटल दुनिया में सीमाएं तय करना ताकि सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग और नकारात्मक प्रभाव कम हो सके।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अकेलापन अब सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं है—13 से 29 वर्ष के युवा भी इस संकट के गंभीर शिकार हैं। वैश्वीकरण, शहरीकरण और स्क्रीन पर बढ़ता समय सामाजिक जुड़ाव को कमजोर कर रहा है। WHO ने दुनियाभर की सरकारों से अपील की है कि वे सामाजिक जुड़ाव को स्वास्थ्य, शिक्षा और डिजिटल नीतियों में शामिल करें।
यह स्पष्ट है कि अकेलापन अब सिर्फ एक भावना नहीं, बल्कि एक जानलेवा चुनौती बन चुका है। इससे निपटने के लिए हमें व्यक्तिगत स्तर पर पहल करनी होगी—रिश्तों को फिर से जीना होगा, समुदाय से जुड़ना होगा और जरूरत पड़े तो पेशेवर मदद लेने में हिचकिचाना नहीं चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी हेतु है। स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।