
World News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को ब्राज़ील सहित कई देशों पर भारी टैरिफ लगाने का ऐलान करते हुए वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी। ट्रंप ने ब्राज़ील पर सीधे 50% का टैरिफ थोपते हुए इसे अब तक की सबसे सख्त आर्थिक कार्रवाई करार दिया है। साथ ही, अल्जीरिया, इराक, लीबिया, श्रीलंका, ब्रुनेई, मोल्दोवा और फिलीपींस पर भी टैरिफ लगाने की घोषणा की गई है, जो 1 अगस्त से प्रभावी होंगे।
इस फैसले के कुछ ही घंटों के भीतर ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका को आर्थिक जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। राष्ट्रपति सिल्वा ने स्पष्ट कहा कि अगर अमेरिका ने ब्राज़ील पर एकतरफा टैरिफ लागू किया तो उनका देश भी ‘आर्थिक पारस्परिकता कानून’ के तहत जवाब देगा।
ट्रंप ने अपने फैसले को पूर्व ब्राज़ीली राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो के साथ हो रहे व्यवहार से जोड़ते हुए बताया कि ब्राज़ील अमेरिकी चुनावों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला कर रहा है। बोलसोनारो इस समय ब्राज़ील में तख्तापलट की साजिश रचने के आरोपों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रपति सिल्वा ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “ब्राज़ील एक संप्रभु देश है जिसकी स्वतंत्र संस्थाएं हैं। हम किसी विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि बोलसोनारो पर चल रही कानूनी कार्यवाही ब्राज़ील की न्यायपालिका के दायरे में है और इस पर कोई बाहरी दबाव असर नहीं डालेगा।
राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से भी एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा गया, “अगर कोई देश एकतरफा टैरिफ बढ़ाता है, तो ब्राज़ील उसकी प्रतिक्रिया अपने आर्थिक पारस्परिकता कानून के तहत देगा।”
ट्रंप के इस कड़े रुख के बाद ब्राज़ील और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में खटास गहराने की आशंका है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दोनों देश अपने रुख पर अड़े रहते हैं, तो यह टकराव एक गंभीर व्यापार युद्ध का रूप ले सकता है, जिसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है।