New Delhi: तियानजिन (चीन) में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान कई अहम कूटनीतिक पल देखने को मिले। पूर्ण सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने साथ समय बिताया और आपस में हल्के-फुल्के अंदाज में हंसी-मजाक करते हुए ठहाके लगाए। इसके बाद पीएम मोदी और पुतिन एक साथ मंच की ओर बढ़े। इसी दौरान दोनों पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सामने से गुजरे, जिनकी नजरें मोदी और पुतिन पर टिकी रहीं। उनके चेहरे पर बेबसी साफ झलक रही थी, जो चर्चा का विषय बन गया।

इस सम्मेलन में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ने भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक संकेत दिए। सात साल बाद पीएम मोदी की यह पहली चीन यात्रा रही, जहाँ उन्होंने सीमा पर शांति और आपसी विश्वास बहाली पर जोर दिया। मोदी ने साफ किया कि भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखेगा और रिश्तों को किसी तीसरे देश के नजरिए से नहीं देखेगा। दोनों देशों ने सीधी उड़ानों की बहाली, कैलाश मानसरोवर यात्रा की पुनः शुरुआत और सीमा प्रबंधन में सुधार जैसे मुद्दों पर सहमति जताई।

पीएम मोदी ने SCO मंच से आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि इस लड़ाई में दोहरे मानदंड स्वीकार्य नहीं हैं और सभी देशों को एकजुट होना होगा। उन्होंने SCO को सुरक्षा, कनेक्टिविटी और अवसर का महत्वपूर्ण मंच बताया। यह सम्मेलन साफ संकेत देता है कि भारत और चीन संघर्ष की बजाय सहयोग की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, जिससे भविष्य में व्यापार, सुरक्षा और भरोसे पर आधारित नए दौर की शुरुआत संभव हो सकती है।