
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जून 2025 की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की बड़ी कटौती करते हुए इसे 6.00 प्रतिशत से घटाकर 5.50 प्रतिशत कर दिया है। यह लगातार तीसरी बार है जब RBI ने रेपो दर में कमी की है, जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है। साथ ही, नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में भी 1 प्रतिशत की कमी कर इसे 3 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे बैंकों के पास अधिक तरलता उपलब्ध होगी और वे अधिक कर्ज दे सकेंगे। RBI ने अपनी मौजूदा सहायक नीति रुख को तटस्थ कर दिया है, जिससे अब आगे के निर्णय आर्थिक परिस्थितियों और आंकड़ों पर आधारित होंगे। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि महंगाई दर अब नियंत्रण में है, और अप्रैल 2025 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) महंगाई दर 3.16 प्रतिशत पर आ गई है, जो पिछले कई वर्षों में सबसे कम है। GDP विकास दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत रखा गया है।
इस कटौती का आम जनता पर खास असर होगा, खासकर होम लोन लेने वाले परिवारों के लिए। 20 लाख रुपये के होम लोन पर EMIs में लगभग 800 से 900 रुपये की बचत होगी, जबकि 30 लाख और 50 लाख रुपये के लोन पर क्रमशः लगभग 1200 और 2000 रुपये तक की मासिक राहत मिल सकती है। इससे परिवारों के बजट में आराम मिलेगा और वे अन्य खर्चों पर भी अधिक खर्च कर सकेंगे। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि इस कटौती से ऋण की लागत कम होगी और इससे आम जनता को भी ब्याज दरों में राहत मिलेगी। इस फैसले के बाद बैंकिंग क्षेत्र और शेयर बाजार में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी गई है। यह कदम विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ महंगाई को नियंत्रित रखने की RBI की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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