
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित ‘कर्तव्य पथ’ पर बने अत्याधुनिक सरकारी कार्यालय परिसर ‘कर्तव्य भवन’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह भवन सिर्फ एक कार्यालय नहीं, बल्कि देश के उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला है। यहीं से विकसित भारत की दिशा और नीतियां तय होंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगस्त का महीना हमेशा से देश के लिए क्रांति और विकास का प्रतीक रहा है और इस महीने में देश लगातार आधुनिकता की ओर कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने नई दिल्ली में बीते वर्षों में बने प्रमुख राष्ट्रीय स्थलों जैसे नया संसद भवन, भारत मंडपम, यशोभूमि, रक्षा परिसर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा और राष्ट्रीय समर स्मारक का उल्लेख करते हुए कहा कि ये सभी आत्मनिर्भर भारत की नई पहचान हैं।
कर्तव्य भवन का नाम भारतीय संस्कृति और गीता के “कर्तव्य भाव” से प्रेरित बताया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि “कर्तव्य पथ” और “कर्तव्य भवन” दोनों ही हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और आध्यात्मिक परंपराओं की झलक देते हैं। उन्होंने बताया कि भवन पर्यावरण के अनुकूल बनाया गया है, जिसमें सौर ऊर्जा और अपशिष्ट प्रबंधन जैसी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। साथ ही, इससे सालाना 1,500 करोड़ रुपये तक की किराया लागत बचेगी।
मोदी ने कहा कि यह भवन न केवल प्रशासनिक कार्यों को कुशल बनाएगा, बल्कि आम जनता के लिए पारदर्शी और जवाबदेह शासन प्रणाली का उदाहरण भी बनेगा। उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में देश में 1,300 से अधिक रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प और 90 से ज्यादा हवाई अड्डों का निर्माण किया गया है। अंत में उन्होंने कहा कि विकसित भारत की नींव ‘कर्तव्य भावना’ पर टिकी है और नागरिकों का कर्तव्य-प्रधान दृष्टिकोण ही देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।