नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा के एक विवादित बयान ने नया राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया है। वाड्रा ने कहा कि “यह हमला प्रधानमंत्री के लिए एक संदेश है कि मुसलमान देश में कमजोर महसूस कर रहे हैं।” उनके इस बयान ने न केवल भाजपा को हमलावर होने का मौका दिया बल्कि आम नागरिकों में भी नाराजगी पैदा कर दी।

भाजपा ने वाड्रा के बयान को “गैरजिम्मेदाराना” बताया और उनसे माफी की मांग की। पार्टी नेताओं ने कहा कि ऐसे वक्त में जब देश को एकजुटता दिखाने की जरूरत है, वाड्रा का यह बयान समाज को बांटने का काम कर रहा है। वहीं, पहलगाम हमले में मारे गए रायपुर निवासी व्यवसायी दिनेश के परिजनों ने भी इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है और कहा कि कांग्रेस का असली चरित्र देश जान चुका है।

सोशल मीडिया और जनमानस में भी इस बयान की कड़ी आलोचना हो रही है। एक नागरिक की ओर से तीखी प्रतिक्रिया में कहा गया—
“हिन्दू-मुसलमान करते हुए सामाजिक सौहार्द कौन बिगाड़ रहा है, यह रॉबर्ट वाड्रा के इस बेतुके बयान से समझा जा सकता है। क्या देश का मुसलमान इतना कमजोर महसूस कर रहा है कि उसके लिए देश के खिलाफ काम करना पड़े? इनके बयान से सिर्फ हिन्दू ही नहीं बल्कि मुसलमान भी आहत होंगे, क्योंकि यह बयान सीधे तौर पर एक वर्ग को ही हमले का जिम्मेदार ठहराता है।”

इस प्रतिक्रिया में आगे कहा गया—
“देश का हर नागरिक, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, पहले देश के बारे में सोचता है। लेकिन कांग्रेस से जुड़े रॉबर्ट वाड्रा ने जो बयान दिया है, वह पूरी तरह से गलत संदेश देने वाला है और इससे देश की एकता को चोट पहुंच सकती है।”

रॉबर्ट वाड्रा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता है। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस बयान से कैसे निपटती है और वाड्रा अपनी टिप्पणी पर कोई स्पष्टीकरण देते हैं या नहीं।