पटना: बिहार की राजनीति में एक बार फिर से वही नेतृत्व कायम हो गया है। एनडीए के विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को फिर से नेता चुना गया, जिससे उनके बिहार के मुख्यमंत्री बनने का मार्ग साफ हो गया। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया और अब उनकी अगली शपथ ग्रहण प्रक्रिया आज 20 नवंबर, सुबह 11:30 बजे पटना के गांधी मैदान में होगी। शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय नेतृत्व के कई वरिष्ठ नेता, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शामिल होंगे, मौजूद रहेंगे।
एनडीए ने इस बार भी मंत्रिमंडल गठन में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया है। सहयोगी दलों को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा। सूत्रों के अनुसार, एनडीए की बैठक में मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों की टीम को अभी भी बरकरार रखने का निर्णय लिया गया है। इस बार मंत्रियों के चयन में ऐसे चेहरों को शामिल करने की कोशिश की गई है, जो पार्टी और गठबंधन के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं।
शपथ ग्रहण के साथ ही बिहार का नया मंत्रिमंडल अपनी जिम्मेदारियों के साथ काम शुरू कर देगा। आगामी दिन में आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में नई योजनाओं की घोषणा होने की संभावना है। एनडीए का कहना है कि उनका मुख्य फोकस राज्य में स्थिरता और विकास बनाए रखना होगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नीतीश कुमार की यह वापसी बिहार की राजनीति में स्थिरता का संदेश देती है। पिछले वर्षों में गठबंधन और सहयोगी दलों के बीच संतुलन बनाए रखना उनकी प्रमुख चुनौती रही है। एनडीए के लिए यह चुनावी जीत और सरकार गठन दोनों ही मामलों में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है।
इस शपथ ग्रहण समारोह और मंत्रिमंडल गठन को लेकर तैयारियाँ तेज हैं। पटना पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। समारोह में राज्य और केन्द्र के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों से आम नागरिक भी शामिल होंगे।


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