नई दिल्ली: भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवादी ठिकानों पर की गई सटीक कार्रवाई से पाकिस्तान में खलबली मच गई है। पाकिस्तान ने भारत पर जवाबी हमलों की कोशिशें तेज़ कर दी हैं, लेकिन भारतीय सेना की सतर्कता और उच्चस्तरीय रक्षा प्रणाली के चलते उसे हर मोर्चे पर मुंह की खानी पड़ रही है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई ड्रोन और फाइटर जेट्स को मार गिराया है, जिससे उसकी जवाबी हमलों की रणनीति विफल हो गई है। इस पूरी स्थिति में अमेरिका की भूमिका को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका इस संघर्ष में हस्तक्षेप नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका दोनों देशों से तनाव कम करने का आग्रह कर सकता है, लेकिन जंग के बीच शामिल नहीं होगा क्योंकि यह नियंत्रण से बाहर जा सकता है। वेंस ने यह भी जोड़ा कि अमेरिका भारत या पाकिस्तान से हथियार डालने की अपील नहीं कर सकता, केवल कूटनीतिक समाधान की उम्मीद की जा सकती है।

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा था कि वह किसी भी रूप में मदद करने को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने भी सीधे हस्तक्षेप से परहेज किया। अमेरिका के इस रुख और भारत की निर्णायक कार्रवाई ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया है। भारत द्वारा की गई एयर स्ट्राइक के जवाब में पाकिस्तान ने कई दावे किए हैं और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से मदद की अपील की है। पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उन्होंने भारत के 25 ड्रोन मार गिराए हैं जो कराची और लाहौर को निशाना बना रहे थे, वहीं पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के हमलों से भारी नुकसान होने की बात कहते हुए आर्थिक सहायता की अपील की है। इसके अलावा पाकिस्तान का दावा है कि उन्होंने हाजी पीर और पांडो सेक्टर में भारतीय चौकियों को भी नष्ट किया है।

भारत ने इन सभी दावों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया है कि उसने केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया है और किसी नागरिक या सैन्य ठिकाने पर हमला नहीं किया गया। भारतीय वायुसेना ने एस-400 डिफेंस सिस्टम की मदद से पाकिस्तान द्वारा किए गए अधिकांश ड्रोन और मिसाइल हमलों को विफल किया है। इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी पाकिस्तान और भारत के शीर्ष नेताओं से बात कर स्थिति को शांत करने की अपील की है। उन्होंने भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाईयों का समर्थन करते हुए पाकिस्तान से आतंकी संगठनों का समर्थन बंद करने को कहा। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति जताते हुए पहलगाम हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है। इन सभी घटनाओं ने दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने संयम और संवाद की अपील दोहराई है।