New Delhi: भारत का वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स सेक्टर 2025 की तीसरी तिमाही में 9.2 मिलियन वर्ग फुट के अब्सॉर्प्शन के साथ मजबूत वृद्धि दिखा रहा है, जो पिछले तिमाही के मुकाबले 64 प्रतिशत ज्यादा है। वर्कप्लेस सॉल्यूशन फर्म वेस्टियन की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई ने देश में सबसे अधिक योगदान दिया, जहां 4.29 मिलियन वर्ग फुट का अब्सॉर्प्शन हुआ, यानी कुल हिस्सेदारी का 47 प्रतिशत। यह तिमाही आधार पर 377 प्रतिशत और सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की बढ़त को दर्शाता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नेशनल लेवल पर अब्सॉर्प्शन पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 36 प्रतिशत कम रही। हालांकि, मुंबई के माइक्रो मार्केट्स भिवंडी और पनवेल में रिन्यूड ऑक्यूपायर्स की बढ़ती मांग ने शहर की रिकवरी में अहम योगदान दिया, जिनकी हिस्सेदारी कुल अब्सॉर्प्शन का 96 प्रतिशत रही।

वेस्टियन के सीईओ श्रीनिवास राव ने कहा, “वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स सेक्टर ने तीसरी तिमाही में पुनरुद्धार के संकेत दिए हैं। मुंबई, कोलकाता और एनसीआर अब्सॉर्प्शन में अगुआ हैं।” उन्होंने बताया कि प्रमुख माइक्रो-मार्केट्स में ऑक्यूपायर मांग और ई-कॉमर्स एवं 3PL सेगमेंट में रिन्यूड गति, सेक्टर की बढ़ती गहनता और डायवर्सिफिकेशन को दर्शाती है।

मुंबई के बाद एनसीआर ने 1.28 मिलियन वर्ग फुट का अब्सॉर्प्शन किया, जिसमें तिमाही आधार पर 83 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। चेन्नई ने 1.13 मिलियन वर्ग फुट अब्सॉर्प्शन के साथ पिछले 7 तिमाहियों में सबसे उच्च लीजिंग स्तर हासिल किया, जो क्रमिक आधार पर 151 प्रतिशत और सालाना आधार पर 38 प्रतिशत की वृद्धि है। वहीं, कोलकाता ने 1.26 मिलियन वर्ग फुट अब्सॉर्प्शन के साथ अपना अब तक का सबसे उच्च तिमाही परिणाम दर्ज किया, जिसमें पिछली तिमाही के मुकाबले 950 प्रतिशत और सालाना आधार पर 186 प्रतिशत की वृद्धि रही।