
New Delhi: मॉर्गन स्टेनली रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत आने वाले दशकों में वैश्विक उत्पादन में उल्लेखनीय हिस्सेदारी हासिल कर सकता है। मजबूत जनसंख्या वृद्धि, कार्यशील लोकतंत्र, स्थिरता-केंद्रित नीतियां, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्यमी वर्ग और सकारात्मक सामाजिक संकेतक इस दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये कारक भारत को दुनिया के प्रमुख उपभोक्ता बाजारों में शामिल करेंगे, ऊर्जा बदलाव को गति देंगे और विनिर्माण क्षेत्र की जीडीपी में हिस्सेदारी बढ़ाएंगे। साथ ही, आपूर्ति सुधार और लचीला मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण महंगाई, ब्याज दर और आर्थिक अस्थिरता को कम करेंगे।
तेल पर निर्भरता घटने, सेवाओं के निर्यात में वृद्धि और राजकोषीय अनुशासन से बचत का असंतुलन घटेगा और वास्तविक ब्याज दरें संरचनात्मक रूप से कम रहेंगी। इससे निवेश माहौल बेहतर होगा और घरेलू बचत इक्विटी बाजार की ओर आकर्षित होगी।
हालांकि, रिपोर्ट में धीमी वैश्विक वृद्धि, भू-राजनीतिक तनाव और अहम सप्लाई चेन में व्यवधान को प्रमुख जोखिम बताया गया है। रणनीतिक तौर पर, ब्रोकरेज घरेलू चक्रीय क्षेत्रों जैसे वित्तीय, उपभोक्ता विवेकाधीन और औद्योगिक सेक्टर पर अधिक ध्यान दे रहा है।
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