
New Delhi: एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यदि सरकार आगामी जीएसटी दरों में कटौती करती है तो इससे भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में दीर्घकालिक मांग और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। सरकार वर्तमान में जीएसटी स्लैब को सरल बनाने पर विचार कर रही है, जिसमें 28 प्रतिशत वाले स्लैब को घटाकर 18 प्रतिशत करने और वाहनों पर लगने वाले सेस को समाप्त करने की संभावना जताई गई है।
वर्तमान में यात्री वाहन (पीवी) से सालाना 14-15 अरब डॉलर और दोपहिया वाहनों से लगभग 5 अरब डॉलर का जीएसटी संग्रह होता है। फिलहाल यात्री वाहनों पर जीएसटी 29 से 50 प्रतिशत तक है, जो वाहन के आकार और इंजन क्षमता के आधार पर अलग-अलग है। रिपोर्ट के अनुसार, नई व्यवस्था में छोटी कारों पर कर 28 से घटाकर 18 प्रतिशत किया जा सकता है, जबकि बड़ी कारों पर 40 प्रतिशत की विशेष दर लागू होगी और सेस हटाया जाएगा।
इस बदलाव से छोटी कारों की कीमतें लगभग 8 प्रतिशत और बड़ी कारों की कीमतें 3-5 प्रतिशत तक कम हो सकती हैं। इससे मारुति सुजुकी जैसी कंपनियां प्रमुख लाभार्थी होंगी, क्योंकि उनकी बिक्री का बड़ा हिस्सा छोटी कारों से आता है। वहीं, महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) को भी फायदा होगा, हालांकि इलेक्ट्रिक वाहनों में अधिक निवेश के कारण इसका असर सीमित रह सकता है।
यदि जीएसटी दर को एक समान 18 प्रतिशत कर दिया जाता है, तो सभी श्रेणियों की गाड़ियों की कीमतों में 6-8 प्रतिशत की कमी आएगी। हालांकि, इससे सरकार को 5-6 अरब डॉलर के राजस्व नुकसान की संभावना भी रहेगी।
Your blog is a beacon of light in the often murky waters of online content. Your thoughtful analysis and insightful commentary never fail to leave a lasting impression. Keep up the amazing work!