
New Delhi: 21 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति को पत्र सौंपा, जिसमें कहा गया कि वह स्थायी बीमारी से जूझ रहे हैं और अब उन्हें इलाज पर ध्यान देना होगा। हालांकि, हाल के कार्यक्रमों में वह पूरी तरह स्वस्थ और सक्रिय नज़र आए थे, जिससे राजनीतिक हलकों में सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह इस्तीफा “सिर्फ़ दिखने वाली बात नहीं है, इसके पीछे कुछ और भी है।”
धनखड़ ने 2022 से अब तक एक सक्रिय उपराष्ट्रपति के रूप में काम किया और इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहते हुए ममता बनर्जी से उनकी कई बार तीखी टकराहट हुई थी। उनके अचानक इस्तीफे से राज्यसभा की जिम्मेदारी अब डिप्टी चेयरमैन हरिवंश नारायण सिंह संभालेंगे। नई उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया सितंबर तक पूरी की जाएगी। धनखड़ का यह फैसला सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है – क्या यह केवल स्वास्थ्य का मामला है या इसके पीछे कोई गहरी राजनीतिक रणनीति भी छिपी है?