नई दिल्ली: जनवरी से मार्च 2025 की तिमाही में भारत में घरेलू एफएमसीजी (FMCG) उत्पादों की खपत की रफ्तार धीमी हुई है। Kantar की रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में केवल 3.5% की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले नौ तिमाहियों में सबसे कम है। शहरी क्षेत्रों में 4.4% जबकि ग्रामीण इलाकों में 2.7% की वृद्धि हुई। हालांकि यह मंदी महंगाई की वजह से नहीं बल्कि उपभोक्ताओं के बदलते खरीद व्यवहार के कारण आई है। ब्रांडेड उत्पादों की बिक्री में केवल 2.1% वृद्धि हुई, जबकि अनब्रांडेड या लोकल उत्पादों ने 8.4% की दर से तेजी दिखाई है। इससे स्पष्ट है कि उपभोक्ता अब “वैल्यू-फॉर-मनी” उत्पादों की ओर झुक रहे हैं, जो उन्हें डिजिटल माध्यमों और सोशल मीडिया के ज़रिए आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं।

दिल्ली-एनसीआर इस समय एफएमसीजी खपत के मामले में देश में सबसे आगे है। Kantar की ही रिपोर्ट बताती है कि दक्षिण दिल्ली के ओखला, कालकाजी, लाजपत नगर और भोगल जैसे क्षेत्रों में एक परिवार सालाना औसतन 200 किलोग्राम से अधिक एफएमसीजी उत्पादों का उपभोग करता है, जबकि देश का औसत मात्र 119 किलोग्राम है। पश्चिमी दिल्ली भी एफएमसीजी पर खर्च करने वालों में अग्रणी है। इसके चलते दिल्ली-एनसीआर न सिर्फ प्रीमियम एफएमसीजी उत्पादों की सबसे बड़ी उपभोक्ता बनकर उभरी है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के लिए भी भारत में प्रवेश का प्रमुख गंतव्य बन गया है।

इसी उपभोक्ता शक्ति के आधार पर Nespresso जैसे स्विस प्रीमियम कॉफी ब्रांड और L’Objet जैसे लक्ज़री डिजाइन व फ्रेगरेंस ब्रांड ने दिल्ली-एनसीआर में अपने पहले स्टोर खोले हैं। JLL इंडिया के राहुल अरोड़ा कहते हैं कि “दिल्ली-एनसीआर अब अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के लिए भारत में लॉन्च का प्रमुख केंद्र बन गया है।” Trehan Iris के आकाश नागपाल के अनुसार, “रिटेल स्पेस की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है, जो उपभोक्ताओं की प्रीमियम पसंद और ब्रांड-अवेयरनेस से प्रेरित है।”

हालांकि, Kantar की रिपोर्ट यह भी इंगित करती है कि FY25 में एफएमसीजी क्षेत्र की समग्र वृद्धि दर घटकर 4.2% रही, जो पिछले वर्ष की 6.6% से कम है। Q1 CY25 के आंकड़े दर्शाते हैं कि शहरी बाजार में ब्रांडेड उत्पादों की मांग में गिरावट आई है, जबकि अनब्रांडेड उत्पादों की मजबूत पकड़ के चलते कुल मिलाकर खपत स्थिर बनी रही है।

यह ट्रेंड स्पष्ट करता है कि शहरी उपभोक्ता अब अपने निर्णयों में अधिक व्यावहारिक और मूल्य-केंद्रित होते जा रहे हैं। ऐसे में एफएमसीजी कंपनियों के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वे सिर्फ ब्रांडिंग और प्रचार पर निर्भर न रहकर उत्पाद की उपयोगिता, किफायती मूल्य और डिजिटल उपलब्धता पर ध्यान केंद्रित करें।

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