Cricket: “म्हारी छोरियाँ छोरों से कम है के!”- यह लाइन आज भारतीय महिला क्रिकेट टीम पर पूरी तरह फिट बैठती है।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रचते हुए ICC महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 का खिताब अपने नाम कर लिया। दक्षिण अफ्रीका की टीम को 52 रनों से हराकर भारत ने पहली बार यह ट्रॉफी जीती और पूरे देश को गर्व से भर दिया। यह जीत सिर्फ एक खेल की जीत नहीं, बल्कि भारतीय महिला खिलाड़ियों के अदम्य साहस, संघर्ष और आत्मविश्वास की मिसाल है।

कप्तान हरमनप्रीत कौर, शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा के शानदार प्रदर्शन ने टीम को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया। महिला विश्व कप फाइनल में जब भारतीय महिला खिलाड़ियों ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर विश्व कप ट्रॉफी उठाई, तो वह पल हर भारतीय के लिए गर्व और भावनाओं से भरा हुआ था। कभी पुरुषों का खेल माना जाने वाला क्रिकेट आज महिलाओं की ताकत और आत्मविश्वास का प्रतीक बन चुका है। यह जीत उस हर बेटी के लिए उम्मीद की किरण है, जिसे कभी कहा गया था कि “यह खेल तुम्हारे लिए नहीं है।”

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की यह जीत ‘नारी शक्ति’ का सशक्त प्रतीक बन गई है, यह दिखाती है कि भारत की बेटियाँ झुकना नहीं जानतीं, वे हर चुनौती को जीत में बदलना जानती हैं।


सैल्यूट है भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सभी खिलाड़ियों और उनके परिवारों को, जिन्होंने यह गौरवशाली पल पूरे देश को दिया। आज भारत की बेटियाँ न केवल खेल जीत रही हैं, बल्कि दिल और इतिहास दोनों जीत रही हैं।