New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में बढ़ते आवारा कुत्तों के खतरे को देखते हुए एक बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने आदेश दिया है कि स्कूलों, बस अड्डों, अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों के पास से सभी आवारा कुत्तों को तुरंत हटाया जाए। कोर्ट ने कहा कि यह कदम बच्चों और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है, क्योंकि हाल के वर्षों में कुत्तों के हमलों की घटनाएँ लगातार बढ़ी हैं। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इन कुत्तों को मारने या उन्हें नुकसान पहुँचाने की अनुमति नहीं है, बल्कि उन्हें सुरक्षित पशु-आश्रयों (shelter homes) में रखा जाए जहाँ उनकी उचित देखभाल हो सके।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं कि वे आवारा कुत्तों को पकड़ने और उन्हें आश्रय स्थलों तक पहुँचाने के लिए संयुक्त कार्रवाई करें। अदालत ने यह भी कहा कि स्थानीय निकायों को इस दिशा में नियमित निगरानी रखनी होगी ताकि सार्वजनिक स्थानों को सुरक्षित बनाया जा सके। यह फैसला न केवल लोगों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि पशु कल्याण के सिद्धांतों को भी ध्यान में रखता है। सुप्रीम कोर्ट का यह कदम समाज में इंसानों और जानवरों के बीच संतुलन बनाते हुए एक जिम्मेदार व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।