New Delhi: सुप्रीम कोर्ट अब एक अहम सवाल पर विचार कर रहा है कि क्या कोई बच्चा अपनी मां के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का प्रमाणपत्र हासिल कर सकता है? फिलहाल, दिल्ली सरकार के नियमों के अनुसार, OBC सर्टिफिकेट के लिए पिता या उसके पूर्वजों की जाति का प्रमाण जरूरी होता है। लेकिन एक महिला ने इस नियम को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उसने कहा कि अगर मां OBC समुदाय से है, तो बच्चा क्यों नहीं उस वर्ग का लाभ उठा सकता?

जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इस मुद्दे को गंभीर मानते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह नियम संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 21 (जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार) के खिलाफ है।

सुप्रीम कोर्ट ने 2012 के एक मामले का भी जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि आमतौर पर जाति पिता के आधार पर तय होती है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में, जैसे कि माता द्वारा अकेले पालन-पोषण या पिता की अनुपस्थिति में, मां की जाति को आधार माना जा सकता है।

अब यह मामला 22 जुलाई को फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुना जाएगा। यह फैसला कई परिवारों के लिए दिशा तय कर सकता है, खासकर उन बच्चों के लिए जिनकी मां OBC समुदाय से आती हैं।

( स्रोत: जनसत्ता )