
भारत के खिलौना उद्योग को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए यमुना प्राधिकरण में विकसित हो रहा टॉय पार्क अहम भूमिका निभाएगा। अगले दो वर्षों में इस पार्क की 134 इकाइयों में उत्पादन शुरू हो जाएगा, जिनमें से कई इकाइयों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। कुछ इकाइयों में इस साल के अंत तक ही उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।
100 एकड़ में फैले इस टॉय पार्क में एजुकेशनल टॉय से लेकर सॉफ्ट टॉय तक विभिन्न प्रकार के खिलौने तैयार किए जाएंगे, जो अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचेंगे। यमुना प्राधिकरण ने भारतीय खिलौना उद्योग को मजबूती देने के लिए इस पार्क की योजना बनाई थी और सेक्टर 33 में 134 भूखंडों का आवंटन किया गया है, जिनमें 1,000 वर्गमीटर से लेकर 10,500 वर्गमीटर तक के प्लॉट शामिल हैं। अब तक 94 भूखंडों की रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है और कई आवंटियों ने निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है।
खिलौना पार्क हजारों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर लेकर आएगा, खासतौर पर महिलाओं के लिए यह सुनहरा अवसर होगा। जो महिलाएं अधिक शिक्षित नहीं हैं, वे भी थोड़े से प्रशिक्षण के बाद यहां काम कर सकेंगी और अपनी आजीविका अर्जित कर सकेंगी।
पार्क में 5 एकड़ में कॉमन फैसिलिटी सेंटर विकसित किया जाएगा, जहां खिलौनों की प्रदर्शनी, डिज़ाइन, रिसर्च, विपणन और अत्याधुनिक मशीनरी की सुविधा उपलब्ध होगी। इससे यहां कार्यरत कंपनियों को सीधे लाभ मिलेगा। लकड़ी और कपड़े के खिलौनों का भी निर्माण किया जाएगा, जो बच्चों के लिए खेल के साथ-साथ सीखने का भी साधन बनेंगे।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के अनुसार, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास स्थित यह पार्क अंतरराष्ट्रीय बाजार तक खिलौनों की आपूर्ति के लिए बेहद अनुकूल साबित होगा। आवंटियों को भूखंडों पर कब्जा मिलने के बाद निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और इस साल के अंत तक यहां से खिलौनों का उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।
नोएडा का यह टॉय पार्क भारतीय खिलौना उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में मजबूत करेगा और एनसीआर के हजारों लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।
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