
लोकसभा में ‘एक देश, एक चुनाव’ बिल मंगलवार को पेश किया गया और इसे स्वीकृति भी मिल गई। इस बिल को लेकर संसद में दो बार वोटिंग हुई। बिल पेश होने से पहले सभी पार्टियों ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया था, लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में सांसद गैरहाजिर रहे।
मंगलवार को लोकसभा में हुए मतदान में बिल के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े। भाजपा और कांग्रेस ने एक दिन पहले ही अपने सांसदों को व्हिप जारी कर यह निर्देश दिया था कि सभी सांसद लोकसभा में मौजूद रहें। इसके बावजूद भाजपा के करीब 20 सांसद वोटिंग के समय अनुपस्थित रहे। भाजपा ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए इन सांसदों को नोटिस जारी किया है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और जगदंबिका पाल जैसे नेताओं को भी नोटिस मिला है।
व्हिप क्या है?
‘व्हिप’ एक राजनीतिक तंत्र है, जिसका उपयोग पार्टी अनुशासन बनाए रखने के लिए किया जाता है। यह पार्टी के सदस्यों को निर्देश देता है कि वे पार्टी की नीतियों का पालन करें और मतदान या बहस के दौरान पार्टी के निर्देशानुसार कार्य करें। व्हिप का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी सदस्य एकजुट होकर पार्टी के फैसलों का समर्थन करें।
व्हिप के प्रकार:
- सिंगल लाइन व्हिप: मामूली महत्व के मामलों में केवल उपस्थित होने का निर्देश।
- डबल लाइन व्हिप: महत्वपूर्ण मामलों में उपस्थित रहकर पार्टी के आदेश का पालन करने का निर्देश।
- ट्रिपल लाइन व्हिप: अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों पर अनिवार्य पालन का निर्देश, न मानने पर कार्रवाई हो सकती है।
व्हिप का उल्लंघन:
यदि कोई सांसद व्हिप का पालन नहीं करता है, तो पार्टी उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है, जिसमें निलंबन या निष्कासन शामिल है।
‘एक देश, एक चुनाव’ बिल पर विपक्ष का विरोध
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने जब बिल पेश किया, तो विपक्ष ने इसे असंवैधानिक बताया। विपक्ष का कहना था कि कुछ विषय संसद के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं, और यह बिल भी ऐसा ही है। साथ ही, उन्होंने इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने की मांग की।
पीएम मोदी की राय और जेपीसी का प्रस्ताव
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने कैबिनेट में चर्चा के दौरान इस बिल को जेपीसी के पास भेजने का सुझाव दिया था। इसके बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी विधेयक पर विस्तृत चर्चा के लिए जेपीसी का गठन करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने यह भी बताया कि उच्च स्तरीय समिति पहले ही इस पर चर्चा कर चुकी है।