
मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वह अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित एक अस्पताल में भर्ती थे, जहां रविवार को उनका स्वास्थ्य अचानक बिगड़ गया। उपचार के दौरान ही उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका निधन इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस नामक बीमारी के कारण हुआ।

उस्ताद जाकिर हुसैन, पांच बार ग्रैमी अवॉर्ड विजेता, भारतीय संगीत जगत का एक प्रतिष्ठित नाम थे। उनके निधन की खबर उनके करीबी मित्र और मशहूर बांसुरी वादक राकेश चौरसिया ने साझा की। जाकिर हुसैन ने 1991 में प्लैनेट ड्रम एल्बम के लिए ड्रमर मिकी हार्ट के साथ काम किया, जिसके लिए उन्हें ग्रैमी अवॉर्ड मिला। उन्होंने कई फिल्मों के साउंडट्रैक पर भी काम किया और 1991 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हुए।
जाकिर हुसैन 1996 के अटलांटा ओलंपिक के उद्घाटन समारोह के लिए संगीत तैयार करने वाली टीम का हिस्सा भी रहे। वह पहले भारतीय संगीतकार थे जिन्हें 2016 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा व्हाइट हाउस में आयोजित ‘ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट’ में शामिल होने का निमंत्रण मिला। भारत सरकार ने उनके योगदान के लिए उन्हें 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया।
9 मार्च 1951 को मुंबई में जन्मे जाकिर हुसैन ने अपने पिता और मशहूर तबला वादक उस्ताद अल्लाह रक्खा खान से तबला वादन सीखा। उन्होंने मात्र 7 साल की उम्र में संगीत समारोहों में प्रस्तुति देना शुरू कर दिया था। जाकिर हुसैन ने वाशिंगटन विश्वविद्यालय से संगीत में डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की। उनके निधन से संगीत जगत में शोक की लहर है, और उनकी विरासत हमेशा याद की जाएगी।