रूस के कजान शहर में जल्द ही ब्रिक्स (BRICS) सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें भारत, चीन, रूस, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख नेता शामिल होंगे। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन से पहले, भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। यह समझौता दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

LAC पर गश्त को लेकर समझौता इस बात का संकेत है कि दोनों देशों ने विवादित सीमाओं पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए एक दूसरे के साथ सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। भारत और चीन के बीच पिछले कुछ वर्षों में सीमा विवाद ने कई बार सैन्य संघर्ष का रूप लिया है, लेकिन इस समझौते से यह उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकेगा।

ब्रिक्स सम्मेलन में वैश्विक अर्थव्यवस्था, व्यापार, और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें भारत और चीन के बीच बढ़ते आर्थिक सहयोग पर भी बात हो सकती है। सम्मेलन का उद्देश्य ब्रिक्स देशों के बीच साझेदारी को और मजबूत करना है, जिससे दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में शांति और समृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके।

यह देखना दिलचस्प होगा कि सम्मेलन में भारत और चीन के नेता किन मुद्दों पर चर्चा करेंगे और क्या यह समझौता दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सुधार का मार्ग प्रशस्त करेगा।

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री के मुताबिक, हाल में भारत और चीन के मंत्रियों के बीच कई दौर की बैठक हुई। मिस्री ने कहा, भारत और चीन के राजनयिक एवं सैन्य वार्ताकार पिछले कई हफ्तों से विभिन्न मंचों पर एक-दूसरे के करीबी संपर्क में रहे हैं।