
प्रयागराज: महाकुंभ में चर्चित रहे तीन प्रमुख चेहरे – हर्षा रिछारिया, मोनालिसा, और IITian बाबा (अभय सिंह), अब आस्था के संगम से लौट चुके हैं। इनका सोशल मीडिया पर जबरदस्त असर था, और इनकी चर्चा महाकुंभ के दौरान भी तेज रही।
हर्षा रिछारिया, जिन्होंने महाकुंभ की शुरुआत से ही सोशल मीडिया पर तहलका मचाया, को सबसे सुंदर साध्वी का टैग भी मिला था। हालांकि, जब वह निरंजनी अखाड़े के रथ पर बैठी तो विवाद शुरू हो गया। कुछ संतों ने उनके रथ पर बैठने और भगवा वस्त्र पहनने पर आपत्ति जताई। विवाद इतना बढ़ गया कि हर्षा ने आंसुओं के साथ महाकुंभ छोड़ने की घोषणा कर दी।
मोनालिसा, जो इंदौर से महाकुंभ में फूल-माला बेचने आई थी, अपनी खूबसूरती के कारण सुर्खियों में आ गई। लोगों ने उसकी तुलना बड़े कलाकारों से की, और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में उसकी आंखों को लेकर जमकर प्रतिक्रियाएं आईं। इस सब से परेशान होकर मोनालिसा के पिता ने उसे घर लौटने के लिए कहा। उसकी बहन के अनुसार, वह माला बेचने आई थी, लेकिन लोग उसे माला बेचने नहीं देते थे और वीडियो बनाते रहते थे, जिसके कारण उसने महाकुंभ छोड़ दिया।
वहीं, अभय सिंह, जिन्हें IITian बाबा के नाम से जाना जाता है, पर आरोप है कि उन्होंने अपने गुरु के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया। इसके चलते जूना अखाड़े ने उन्हें अपने शिविर और आसपास आने से रोक दिया। अखाड़े का कहना है कि संन्यास में अनुशासन और गुरु के प्रति समर्पण जरूरी है, और यदि कोई इसको पालन नहीं करता, तो उसे संन्यासी नहीं माना जा सकता।
हर्षा रिछारिया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वह रोते हुए कह रही हैं, “लोगों को शर्म आनी चाहिए, जो लड़की धर्म से जुड़ने आई थी, उसे कुंभ में रहने का मौका नहीं दिया। यह कुंभ हमारे जीवन में एक बार आता है, और आपने इसे एक इंसान से छीन लिया। पुण्य का तो नहीं पता, लेकिन आनंद स्वरूपजी ने जो किया है, उसका पाप उन्हें जरूर लगेगा।”