
सऊदी अरब और खाड़ी देशों की चेतावनी के बाद, पाकिस्तान ने 4300 से ज्यादा कथित भिखारियों को नो-फ्लाई लिस्ट में डाल दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये कदम उन लोगों पर लगाम कसने के लिए उठाया गया है जो धार्मिक वीजा के बहाने विदेश जाकर भीख मांगते हैं। खाड़ी देशों ने पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी थी कि अगर इस तरह का व्यवहार जारी रहा, तो सख्त कदम उठाए जाएंगे।
मक्का में गिरफ्तार हुए पॉकेटमारों में 90% पाकिस्तानी पाए गए हैं, जिससे सऊदी प्रशासन ने कड़ी नाराजगी जताई है। सऊदी अरब के कानून के अनुसार, भीख मांगना अपराध है, और धार्मिक स्थलों के पास इस तरह की गतिविधियों को सख्त रूप से प्रतिबंधित किया गया है।
हज और उमराह के बहाने बाहर जाने पर रोक
पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन रजा नकवी ने कहा कि इन 4300 भिखारियों को “एग्जिट कंट्रोल लिस्ट” (ECL) में डाल दिया गया है, जिससे वे अब हज और उमराह के बहाने विदेश नहीं जा सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान से जाने वाले भिखारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
कैदियों की अदला-बदली और संयुक्त प्रशिक्षण पर सहमति
दोनों देशों ने 419 पाकिस्तानी कैदियों की स्वदेश वापसी और अर्धसैनिक बलों व पुलिस के संयुक्त प्रशिक्षण पर भी चर्चा की है। इस्लामाबाद और रियाद को “जुड़वां शहर” घोषित करने का प्रस्ताव भी सामने आया है, जिसे सऊदी के आंतरिक उप मंत्री ने सहमति दी है।
पाकिस्तान ने खाड़ी देशों को भरोसा दिलाया है कि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, मक्का-मदीना के पास पॉकेटमारी और भीख मांगने की घटनाओं ने पाकिस्तान की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचाया है।
Input ( Jagran )