पटना में 19-20 दिसंबर को बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024, यानी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जाएगा। इस दो-दिवसीय आयोजन का उद्देश्य बिहार को निवेश और उद्योग के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करना है।

राज्य सरकार ने इस समिट का आयोजन बिहार में औद्योगिक विकास, उद्यमशीलता, और निवेश को बढ़ावा देने के लिए किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा इस समिट का उद्घाटन करेंगे। पहले दिन एमएसएमई और स्टार्टअप जैसे विशिष्ट क्षेत्रों पर केंद्रित सत्र होंगे, जबकि दूसरे दिन प्रमुख कंपनियों के सीईओ के साथ गोलमेज बैठक का आयोजन किया जाएगा।

यह सम्मेलन बिहार सरकार द्वारा आयोजित दूसरा संस्करण है। पिछले साल आयोजित पहले संस्करण में देश-विदेश के 600 से अधिक उद्यमियों ने भाग लिया था, जिसमें 50,530 करोड़ रुपये के कुल 278 निवेश प्रस्तावों पर एमओयू साइन हुए थे। इनमें से 38,000 करोड़ रुपये की 244 परियोजनाएं पहले ही जमीन पर उतर चुकी हैं, जिसने राज्य के औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को गति दी है।

बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024 में विनिर्माण, बुनियादी ढांचा, निर्यात और संपर्क जैसे क्षेत्रों पर विशेष जोर रहेगा। राज्य सरकार ने निवेश को आकर्षित करने के लिए कई सुधार और नीतियां लागू की हैं, जिनमें बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 भी शामिल है। इसके तहत कर छूट, सब्सिडी और प्रोत्साहन जैसे लाभ दिए जाते हैं।

इसके अलावा, ‘स्टार्टअप बिहार’ नीति के तहत नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये का समर्पित कोष बनाया गया है। राज्य की निर्यात प्रोत्साहन नीति वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) और निर्यात पैकहाउस जैसी सुविधाएं प्रदान करती है।

बिहार सरकार ने कारोबारी सुगमता बढ़ाने और निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली लागू की है। कभी अपनी कृषि विरासत के लिए प्रसिद्ध बिहार अब औद्योगिक परिवर्तन और बुनियादी ढांचे के विकास का केंद्र बनकर उभर रहा है।

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री, प्रमुख उद्योगपति, नीति निर्माता और क्षेत्रीय विशेषज्ञ शामिल होंगे। समिट का उद्देश्य बिहार की आर्थिक क्षमता को प्रदर्शित करना और राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करना है।

बिहार बिजनेस कनेक्ट में क्या-क्या होगा?

रणनीतिक दृष्टि और नीतिगत ढांचा

  • बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति (BIIPP-2016): औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कर छूट, सब्सिडी और प्रोत्साहन की व्यापक नीति।
  • क्षेत्र-विशेष नीतियां: कपड़ा, चमड़ा, लॉजिस्टिक्स, बायोफ्यूल, आईटी और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे उच्च क्षमता वाले उद्योगों में केंद्रित निवेश।
  • स्टार्टअप बिहार नीति: ₹500 करोड़ के फंड के साथ नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करना।
  • निर्यात प्रोत्साहन नीति: विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZs) और एक्सपोर्ट पैकहाउस जैसी सुविधाओं के माध्यम से वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देना।
  • सिंगल-विंडो क्लियरेंस सिस्टम: निवेशकों के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाकर व्यापारिक सुगमता सुनिश्चित करना।

तेजी से विकसित हो रहा विनिर्माण क्षेत्र

  • बैग निर्माण और कपड़ा क्लस्टर: मुजफ्फरपुर समेत अन्य क्षेत्रों में सिल्क विरासत और लागत लाभ का उपयोग।
  • सैन्य जूता निर्यात: हाजीपुर सुरक्षा जूतों के निर्माण और निर्यात का प्रमुख केंद्र।
  • इथेनॉल संयंत्र: अनाज आधारित इथेनॉल उत्पादन में बिहार अग्रणी, जो भारत के हरित ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान देता है।
  • खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां: कृषि उत्पादों के मूल्यवर्धन और ग्रामीण रोजगार सृजन के लिए।

MSMEs और स्टार्टअप को सशक्त बनाने की पहल

  • मुख्यमंत्री उद्यमी योजना: महिला, अनुसूचित जाति/जनजाति और दिव्यांग उद्यमियों को ₹10 लाख तक की वित्तीय सहायता।
  • स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर: IIT पटना और NIFT पटना जैसे संस्थानों में 21 इनक्यूबेशन हब नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।
  • बी-हब कोवर्किंग स्पेस: पटना और पूर्णिया में आधुनिक कार्यस्थल, उभरते उद्यमों को समर्थन प्रदान कर रहे हैं।

बुनियादी ढांचे का अभूतपूर्व विकास

  • परिवहन: भारत में तीसरे स्थान पर बिहार का सड़क घनत्व, जिससे व्यापार और परिवहन सुगम।
  • ऊर्जा: 700 मेगावाट से बढ़कर 7,000 मेगावाट तक की ऊर्जा क्षमता, स्मार्ट मीटरिंग में अग्रणी।
  • आईटी बुनियादी ढांचा: आईटी पार्क और डेटा सेंटर डिजिटल विकास को गति दे रहे हैं।
  • लॉजिस्टिक्स पार्क: पटना में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (MMLP) आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर बना रहा है।
  • शैक्षणिक संस्थान: IIT, NIT और IIM जैसे प्रतिष्ठित संस्थान कुशल श्रमशक्ति तैयार कर रहे हैं।

वैश्विक कनेक्टिविटी और निर्यात की संभावना

  • इनलैंड कंटेनर डिपो (ICD): बिहटा स्थित ICD लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग के लिए प्रमुख केंद्र।
  • विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZs): नवानगर और कुमारबाग में SEZs निर्यात-उन्मुख उद्योगों को प्रोत्साहन।
  • इर्रेडिएशन सेंटर: कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतारकर निर्यात बढ़ावा देना।

सामाजिक प्रभाव और रोजगार सृजन

  • रोजगार अवसर: नए उद्योगों के माध्यम से हजारों नौकरियां।
  • महिला सशक्तिकरण: महिला उद्यमी योजना के तहत महिलाओं को व्यवसाय स्थापित करने में सहायता।
  • कौशल विकास: शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी, कुशल श्रमशक्ति का निर्माण।

बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024: मुख्य कार्यक्रम

पहला दिन (19 दिसंबर 2024):

  • उद्घाटन सत्र: बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा द्वारा उद्घाटन।
  • प्रारंभिक MoU साइनिंग और MSMEs व स्टार्टअप पर विशेष सत्र।

दूसरा दिन (20 दिसंबर 2024):

  • CEO राउंडटेबल: वरिष्ठ मंत्रीगण और प्रमुख उद्योगपतियों के साथ उच्च-स्तरीय चर्चा।
  • मुख्य MoU साइनिंग: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर।
  • प्लेनरी सत्र: बिहार की औद्योगिक क्षमता और नीतिगत ढांचे पर अंतर्दृष्टि।

बिहार का औद्योगिक भविष्य

बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024 केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि बिहार की औद्योगिक क्रांति का प्रतीक है। अपनी प्रचुर संसाधनों, कुशल श्रमशक्ति और निवेशक-अनुकूल नीतियों के साथ बिहार नवाचार, परंपरा और अवसर के अद्वितीय संयोजन के साथ भारत के आर्थिक पुनर्जागरण में अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है।