
घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे संगम तट की ओर न जाएं।
प्रयागराज: बुधवार को मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज के संगम तट पर बड़ा हादसा हो गया। स्नान के दौरान भीड़ में मची भगदड़ से कई श्रद्धालुओं के मारे जाने की आशंका है। बचाव कार्य के लिए 40 से अधिक एंबुलेंस मौके पर तैनात की गईं। सुबह साढ़े सात बजे तक 31 शवों को कॉल्विन अस्पताल स्थित मर्चरी में पहुंचाया जा चुका था। हालांकि प्रशासन ने अभी तक मृतकों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
अफवाह के बाद मची भगदड़
बताया जा रहा है कि स्नान घाट के पास भीड़ के बीच बेचैनी के चलते कुछ महिलाएं बेहोश होकर गिर गईं। इसके बाद अफवाह फैल गई और लोग घबराकर एक-दूसरे को कुचलते हुए भागने लगे। सूचना मिलते ही दो दर्जन से अधिक एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंच गईं। घायलों को महाकुंभ के केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।
मुख्यमंत्री की अपील
घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे संगम तट की ओर न जाएं। उन्होंने कहा, “जहां भी आप मां गंगा के किसी घाट के पास हैं, वहीं स्नान करें। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग दें। किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।”
रात डेढ़ बजे बिगड़े हालात
मंगलवार और बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे लाखों श्रद्धालु संगम स्नान के लिए उमड़ पड़े। भारी भीड़ के कारण हालात बेकाबू हो गए और भगदड़ मच गई। घटना में कई लोगों के घायल होने की सूचना है। घायलों को कुंभ मेला परिसर के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि गंभीर रूप से घायल लोगों को प्रयागराज के विभिन्न अस्पतालों में रेफर किया गया।
बैरिकेड टूटने से मची भगदड़
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भीड़ जब बैरिकेड के पास से गुजर रही थी, तभी अचानक बैरिकेड टूट गया। इससे भगदड़ मच गई और लोग एक-दूसरे पर चढ़ते हुए भागने लगे। बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। प्रशासन ने तुरंत एंबुलेंस के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया, जिससे घायलों को अस्पताल पहुंचाने में तेजी आई।
अपनों से बिछड़ने का दर्द
हादसे के बाद एक बड़ी समस्या उन लोगों के लिए खड़ी हो गई है जो अपने परिजनों से बिछड़ गए हैं। सबसे अधिक संख्या बुजुर्गों की है जो इस भगदड़ के दौरान अपनों से दूर हो गए। कई लोग रोते-बिलखते हुए अपनी कहानी मीडिया के कैमरों के सामने साझा कर रहे हैं।
इस हादसे ने महाकुंभ मेले की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन की चुनौती अब न केवल घायलों का इलाज है, बल्कि बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाने की भी है।
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