प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी पर आयोजित महाकुंभ 2025 का शुभारंभ 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन हुआ। यह अद्वितीय धार्मिक आयोजन, जो आस्था, संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है, 45 दिनों तक चलेगा और 26 फरवरी को समाप्त होगा।

कुंभ: आध्यात्मिकता और आस्था का महासंगम

समुद्रमंथन के दौरान निकले अमृत की बूंदों से प्रेरित कुंभ स्नान की परंपरा, युगों से चली आ रही है। यह आयोजन दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक उत्सवों में से एक है। संगम नगरी प्रयागराज में श्रद्धालु भारी संख्या में त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।

“महाकुंभ भारत की कालातीत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है और यह आस्था व सद्भाव का उत्सव है। प्रयागराज में लोगों की भारी भीड़ देखकर हर्ष हो रहा है। मैं सभी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को शुभकामनाएं देता हूं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस शुभ अवसर पर कहा

प्रमुख स्नान और अमृत स्नान की तिथियां

महाकुंभ में स्नान और अमृत स्नान का विशेष महत्व है।

  • 13 जनवरी (सोमवार): स्नान, पौष पूर्णिमा
  • 14 जनवरी (मंगलवार): अमृत स्नान, मकर संक्रांति
  • 29 जनवरी (बुधवार): अमृत स्नान, मौनी अमावस्या
  • 3 फरवरी (सोमवार): अमृत स्नान, बसंत पंचमी
  • 12 फरवरी (बुधवार): स्नान, माघी पूर्णिमा
  • 26 फरवरी (बुधवार): स्नान, महाशिवरात्रि

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश

“तीर्थराज प्रयागराज में ‘महाकुंभ’ का शुभारंभ हो चुका है। यह आयोजन विश्व के विशालतम आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम का प्रतीक है। आस्था और आधुनिकता के संगम में सभी श्रद्धालुओं और संतों का स्वागत है। मां गंगा सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करें।”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के शुभारंभ पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए लिखा

महाकुंभ 2025 के शुभारंभ के साथ ही त्रिवेणी संगम पर आस्था और भक्ति का महासंगम देखा जा रहा है। श्रद्धालु न केवल स्नान कर रहे हैं बल्कि भारतीय संस्कृति की गहराइयों से जुड़ने का अद्वितीय अनुभव भी ले रहे हैं।