मकर संक्रांति के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं, ने मंगलवार को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह चार बजे गोरखनाथ मंदिर में नाथपंथ की विशिष्ट परंपरा के अनुसार बाबा गोरखनाथ को विधिपूर्वक आस्था की खिचड़ी चढ़ाई। इस अवसर पर उन्होंने लोक कल्याण, सभी नागरिकों के सुखी और समृद्ध जीवन तथा राष्ट्र की समृद्धि के लिए प्रार्थना की।

खिचड़ी चढ़ाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी नागरिकों, संतों और श्रद्धालुओं को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं दी। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति भारत के पवित्र त्योहारों की श्रृंखला का हिस्सा है, जो सूर्य देवता के प्रति आभार व्यक्त करने का एक अवसर है। पूरे देश में इसे विभिन्न नामों और रूपों में श्रद्धा से मनाया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उत्सव भारत की सनातन धर्म की परंपरा में आनंद के साथ एकता और सामूहिक खुशी को प्रकट करने का एक महत्वपूर्ण आयोजन है। उन्होंने बताया कि असम में बिहू, पंजाब में लोहड़ी, दक्षिण में पोंगल, बंगाल और महाराष्ट्र में तिलवा संक्रांति और उत्तर भारत में खिचड़ी संक्रांति के रूप में यह महापर्व मनाया जाता है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मकर संक्रांति के मौके पर प्रदेश की पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान और दान-पुण्य का कार्य बड़े उत्साह के साथ प्रारंभ हो चुका है। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मुझे गुरु गोरखनाथ की तपस्थली पर बाबा के चरणों में खिचड़ी चढ़ाने का अवसर प्राप्त हुआ।

मकर संक्रांति की बधाई देने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी ने प्रयागराज महाकुंभ के पहले अमृत स्नान की भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक ओर जहाँ गोरखनाथ मंदिर में आस्था की खिचड़ी चढ़ाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर इस सदी का पहला महाकुंभ प्रयागराज में प्रारंभ हो चुका है, जिसके प्रति देश और दुनिया में अद्भुत आकर्षण देखने को मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सोमवार को लगभग दो करोड़ श्रद्धालुओं ने प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया।

खिचड़ी चढ़ाने के बाद मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। श्रद्धालु कतारबद्ध होकर बाबा गोरखनाथ के विग्रह के पास पहुंचे और उन्हें खिचड़ी अर्पित कर अपनी आस्था व्यक्त की। अनुष्ठान के बाद श्रद्धालु मंदिर परिसर में लगे मेले का आनंद भी ले रहे थे।