उदयपुर में महाराणा प्रताप के वंशजों के बीच तिलक, तलवार और धार्मिक रस्मों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इसी बीच, विश्वराज सिंह मेवाड़ ने आज एकलिंगनाथ जी के दर्शन कर ‘शोक को भंग’ करने की परंपरा पूरी की। उनके पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ का 10 नवंबर को निधन हो गया था। इस मौके पर एकलिंगनाथ जी मंदिर में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे।

हालांकि, सिटी पैलेस के पवित्र अग्नि स्थल ‘धूणी’ के दर्शन को लेकर विवाद अभी तक सुलझा नहीं है। विश्वराज सिंह को वहां प्रवेश नहीं दिया गया, जिसके कारण प्रदर्शन हुए और जिला प्रशासन ने सिटी पैलेस के विवादित हिस्से के लिए रिसीवर नियुक्त कर दिया।

विश्वराज ने सोमवार को चित्तौड़गढ़ में पूर्व मेवाड़ राजपरिवार के प्रमुख के रूप में ‘गद्दी’ संभाली थी। इसके बाद उनकी योजना सिटी पैलेस और एकलिंगनाथ जी मंदिर जाने की थी, लेकिन उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर सिटी पैलेस और मंदिर में अनधिकृत प्रवेश पर रोक लगा दी। अरविंद सिंह श्री एकलिंगजी ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और सिटी पैलेस उनके अधीन है।

परिवार में बढ़ता विवाद
विश्वराज और अरविंद सिंह के परिवारों के बीच विवाद ने तूल पकड़ लिया है। विश्वराज के समर्थकों द्वारा विरोध के बाद भी उन्हें धूणी स्थल में प्रवेश नहीं मिला, और उन्हें अनुष्ठान अधूरा छोड़कर लौटना पड़ा। उधर, अरविंद सिंह के बेटे लक्ष्यराज सिंह ने मीडिया से कहा कि अनुष्ठान के नाम पर कानून तोड़ना और लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालना सही नहीं है। उन्होंने सलाह दी कि विवाद का समाधान कानूनी प्रक्रिया से किया जाना चाहिए।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सिटी पैलेस के आसपास निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने बताया कि मामले को सुलझाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम उदयपुर पहुंची है।

उदयपुर में यह विवाद न केवल मेवाड़ राजपरिवार की परंपराओं से जुड़ा है, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है।